कई बार हमें जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में भी यह बात सच लगती है। हां, यह सही है कि अर्थव्यवस्था को लेकर खुशी का माहौल है और शेयर बाजार सूचकांक नई बुलंदियों को छू रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि आगामी वर्ष के लिए देश का आर्थिक परिदृश्य उतना सुहावना नजर नहीं आता। हां, ऑटोमोबाइल्स और उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में उछाल...
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आर्थिक प्रबंधन की मुश्किलें -- अजीत रानाडे
हाल ही में विश्व के दो अहम निकायों ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी चेतावनियां जारी की हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने इस वर्ष के साथ ही अगले वर्ष के लिए भी भारत की विकास दर को लेकर अपने अनुमान नीचे किये हैं, जिनमें 2018 के लिए अनुमान तो बस 7.4 प्रतिशत से घटकर 7.3 प्रतिशत तक ही गिरे हैं, पर अगले वर्ष के लिए उसने इसे 7.8 प्रतिशत से...
More »किसानों का अविश्वास मत पास-- योगेन्द्र यादव
इधर लोकसभा में मोदी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी. उधर अखिल भारतीय किसान संघ समिति के बैनर तले 201 किसान संगठनों के प्रतिनिधि संसद के बाहर प्रदर्शन कर इस सरकार में अविश्वास जतायेंगे. दसों दिशाओं से किसानों का संदेश संसद के दरवाजे पर दस्तक देगा. लोकसभा के भीतर यह आवाज पहुंचे न पहुंचे, लेकिन हम सब दस दिशाओं से आनेवाली इन आवाजों को सुन सकते हैं, उन...
More »हिंसा की संस्कृति पर लगे रोक-- प्रो. उज्ज्वल के चौधरी
लिंचिंग यानी बेकाबू भीड़ के हाथों लोगों की हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि यह एक सार्वजनिक अपराध है पर सरकार मौन है. इसकी एक बानगी इसी बात से मिल जाती है कि इसे अभी तक आइपीसी के तहत एक अलग अपराध के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है. इसलिए, इसके बारे में सारी जानकारी मीडिया में आयी खबरों और विभिन्न रिपोर्टों में दिये तथ्यों पर आधारित...
More »सुधारों से ही बदलेगी कृषि की तस्वीर - सीता
पिछले हफ्ते दो अलग-अलग राजनीतिक समूह यह दर्शाने की कोशिश करते नजर आए कि उन्हें वास्तव में किसानों के हितों की दूसरों से ज्यादा फिक्र है। इस संदर्भ में सबसे बड़ी घोषणा तो बेशक मोदी सरकार द्वारा खरीफ सीजन की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में डेढ़ गुने इजाफे को लेकर की गई। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक की जद(एस) व कांग्रेस की साझा सरकार ने अपने पहले बजट...
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