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कब समझेंगे उनके बेघर होने का दर्द- सुभाषिनी सहगल अली

बहुत ही छोटा-सा शब्द है घर। लेकिन शायद इससे ज्यादा महत्व और मायने से भरा शब्द किसी इन्सान के लिए है ही नहीं। इसका होना उसको 'अपना' कहने वाले को पहचान, परिभाषा, संरक्षण- सब कुछ देता है। इसलिए बेघर हो जाने से बड़ी सजा किसी को नहीं दी जा सकती। ऐसा नहीं है कि राहुल की मां अकेले ही बेघर हुई। 15 साल पहले, जनवरी के सर्द दिनों में उनके...

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर इतनी जल्दी क्य

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार ने पूछा है कि वह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लागू कराने को लेकर जल्दी में क्यों है. अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्होंने पूछा है कि सरकार को इस संशोधन को लागू करने की इतनी जल्दी क्यों है? राष्ट्रपति ने संशोधनों को बुधवार को स्वीकृत किया. मालूम हो कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून के प्रति नरमी दिखाते...

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स्मृति के एजेंडे में अब उन्नत भारत अभियान

आईआईटी दिल्ली के निदेशक के इस्तीफे से उत्पन्न विवाद के बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय गांवों के विकास से जुड़े उन्नत भारत अभियान को सफल बनाने में जुट गया है। मंत्रालय जल्द ही इस अति महत्वाकांक्षी योजना के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आईआईटी दिल्ली के निदेशक रघुनाथ शेवगांवकर की नीति उन्नत भारत अभियान में रोड़ा अटकाने वाली थी। गांवों के विकास...

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समाज और कानून की नजर में समर्पण की कीमत बस इतनी-सी?

जो महिलाएं दफ्तरों में काम करती हैं या बिजनेस संभालती हैं, उनकी सेवाओं की कीमत कमाई के आंकड़े से आंकी जा सकती है, लेकिन एक गृहिणी की सेवाओं और परिवार के प्रति समर्पण भाव की कीमत कैसे आंकी जाए? ऐसे ही एक मामले में चेन्नई के दुर्घटना दावा प्राधिकरण की संकीर्ण सोच सामने आई है। मामला है 31 वर्षीय सेल्‍वी का, जो कपड़े बेचकर पांच हजार रुपए प्रतिमाह कमाती थीं। एक...

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औरतों की माहवारीः कब तक जारी रहेगी शर्म?- रुपा झा

"मैं अपनी बेटी को माहवारी के दौरान उन तकलीफों से नही गुज़रने दूंगी जिससे मैं गुज़रती रही हूं." 32 साल की मंजू बलूनी की आवाज़ में एलान करने जैसी दृढ़ता थी और आंखों में चमक. वे कहती हैं, "मुझसे मेरा परिवार तब अछूत की तरह व्यवहार करता है. मैं रसोई में नहीं जा सकती, मंदिर में जाना मना है, पूजा नहीं कर सकती, यहां तक कि दूसरों के साथ बैठ भी नहीं...

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