जनसत्ता 23 जून, 2012: अगर हमारे देश में ग्रामीण निर्धन वर्ग और विशेषकर भूमिहीन वर्ग को टिकाऊ तौर पर संतोषजनक आजीविका मिले इसके लिए भूमि-सुधार बहुत जरूरी है। इसके अलावा, अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण द्वारा जिस तरह तेजी से बहुत-से किसानों खासकर आदिवासियों की जमीन लेकर उन्हें भूमिहीन बनाया जा रहा है, उस पर रोक भी लगानी होगी। ऐसे महत्त्वपूर्ण सवालों के न्यायसंगत समाधान के लिए इस वर्ष के आरंभ से एक प्रयास...
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रास नहीं आ रहा बड़े लोगों को सूचना अधिकार: शैलेश गांधी
सरकारी अधिकारियों को ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि कैसे जवाब देने से बचा जाए. यह कहना है शैलेश गांधी का जो छह जुलाई को सूचना आयुक्त के पद से सेवानिवृत हो रहे हैं. उनका कहना है कि सूचना अधिकार बड़े और ताकतवर लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. इससे जुड़ी ख़बरें शैलेश गांधी का यह भी कहना है कि सूचना अधिकार आने वाले सालों में बेमतलब हो सकता है और देश...
More »पश्चिम बंगाल में पढ़ाई अधूरी छोड़ रहे बच्चे चिंता का कारण: रिपोर्ट
कोलकाता, 28 जून (एजेंसी) एक सर्वेक्षण से पता चला है कि बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के दो साल बाद भी पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में इसका क्रियान्वयन एक चुनौती बना हुआ है। चाइल्ड राइट एंड यू :क्राई: और पश्चिम बंगाल शिक्षा नेटवर्क द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘पश्चिम बंगाल के कई जिलों में व्यापक भूमि सर्वेक्षण के बाद यह पाया...
More »कार्टून विवाद के सबक- सुनील
जनसत्ता 30 मई, 2012: एनसीइआरटी की ग्यारहवीं कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक के जिस कार्टून पर विवाद खड़ा हुआ, बात महज उस कार्टून तक रहती तो समझ में आती। लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक झटके में सारे कार्टून हटाने की घोषणा कर दी। छह साल पहले बड़ी मेहनत से तैयार कक्षा नौ से बारह तक की राजनीति शास्त्र की सारी पाठ्यपुस्तकों को वापस लेने का एलान कर दिया। बाकी समाज...
More »बिहार में सच बड़ा या झूठ?- मणिकांत ठाकुर(बीबीसी संवाददाता)
बिहार में सूचना का अधिकार, यानी आरटीआई, क़ानून कथित सरकारी मकड़जाल में फंस कर विवादों से घिर गया है. इस बाबत राज्य सरकार द्वारा प्रचारित 'उपलब्धियों' और जमीनी सच्चाइयों के बीच बड़ा फ़र्क देख रहे आरटीआइ कार्यकर्त्ता आंदोलित हो उठे हैं. बिहार की नीतीश सरकार अपने शासन के सातवें साल से गुजर रही है. कहा जा रहा है कि इस दौरान यहाँ शासन द्वारा बरती गई चालाकियां किस तरह कामयाबियां नजर आईं, इसका...
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