तेलंगाना की हजारों मील भूमि को हरा-भरा बना चुके हैं दरिपल्ली रमैया यह कहानी है सच्चे पर्यावरणप्रेमी, 68 वर्षीय दरिपल्ली रमैया की, जो पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जेब में बीज और साइकिल पर पौधे रख कर तेलंगाना के खम्मम जिले में रोज मीलों लंबा सफर तय करते हैं. इन्होंने अपना पूरा जीवन एक ही लक्ष्य के पीछे लगा दिया, यह लक्ष्य था - ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना और...
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सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष
महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
More »दोहरी चुनौतियों के सामने- ऋतु सारस्वत
हाल ही में विश्व में प्रथम रैंकिंग प्राप्त टेनिस खिलाड़ी जोकोविच ने कहा कि पुरुष खिलाड़ियों के मैचों को दुनिया भर में महिलाओं के मैचों से ज्यादा देखा जाता है, इसलिए पुरुष खिलाड़ियों की कमाई ज्यादा होनी चाहिए। इससे पहले इंडियन वेल्स टूर्नामेंट के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी रेमंड मूर ने कहा था कि डब्ल्यूटीए टूर पुरुष खिलाड़ियों की बदौलत ही चल रहा है। ये दोनों वक्तव्य स्त्री के प्रति पुरुषवादी...
More »क्या गरीबी एक राजनीतिक पूंजी है? - विजय संघवी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में कहा कि भारत में गरीबी कायम रखने में कांग्रेस का योगदान था, क्योंकि गरीबों को वे वोटबैंक की तरह मानते थे। शाह ने जो कहा, वह एक राजनीतिक आम धारणा भी है। लेकिन इस कथन की विस्तार से पड़ताल करने के लिए हमें इसके विभिन्न् परिप्रेक्ष्यों को ठीक से समझना होगा। जॉन राल्स्टन सॉल ने तीन तरह के छवि-निर्माताओं की तस्दीक की है।...
More »ज्यां द्रेज़: कुछ लिखने से पहले पढ़ना जरूरी है!
कल मैं यह सुनकर दंग रह गया कि कुछ लोग जगदलपुर के नजदीक रह रही मेरी सहोयगी बेला भाटिया के निवास के पास जमा हुए और पड़ोसियों को उनके खिलाफ भड़काने लगे. एकदम फिल्मी तर्ज पर इन लोगों ने उनके घर के नजदीक ही प्रदर्शन किया और "बेला भाटिया मुर्दाबाद" तथा "बेला भाटिया बस्तर छोड़ो" जैसे नारे लगाये. इन लोगों ने एक पर्चा भी बांटा जिसमें हम दोनों के बारे लिखा...
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