जिया कुरैशी, रायपुर। आजादी के छह दशक बाद भी लोगों के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया कितनी जटिल बनी हुई है, इसका अंदाजा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के किसानों के एक मामले को देखकर लगाया जा सकता है। कोई चार दशक पहले धमधा तहसील में सूखा और अकाल पीड़ितों की मदद के इरादे से राहत कार्य के तहत बांध बनाए गए थे। यह काम शुरू हुआ और बांध भी बन गए, लेकिन...
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का वर्षा जब कृषि सुखाने!- प्रकाश कुमार रे
नयी दिल्ली : मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अब तक मॉनसून की वर्षा में दीर्घकालिक औसत की तुलना में 43% कमी रही है. उधर, मौसम का आकलन करनेवाली प्राइवेट संस्था स्काइमेट ने पिछले दिनों आशंका जाहिर की थी कि देश में सूखे की आशंका 60% तक बढ़ गयी है. संस्था ने अप्रैल में इस आशंका को 25} तक रखा था. ऐसे में देश के सामने...
More »किसानों के लिए आनेवाले दिन बहुत भारी- देविंदर शर्मा
भारतीय मॉनसून के लिए अल नीनो, एक विलेन की तरह माना जाता है. अल नीनो की मार से ऑस्ट्रेलिया और भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अल नीनो से सामान्य मॉनसून की हालत बिगड़ने का अंदेशा है, जिससे बारिश कम होने की आशंका जतायी जा रही है. देश के मौसम विभाग ने इस वर्ष अल नीनो के आने की 70 फीसदी तक उम्मीद जतायी है. दरअसल, मॉनसून के सबसे बीचवाले...
More »मोटे अनाज की खेती से बहुरे किसानों के दिन
किसानों के लिए वह स्थिति और भी कष्टदायी होती है, जब मॉनसून फेल हो जाने या कम वर्षा होने के कारण वह सही तरीके से धान की फसल की बुआई नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक किसानों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में उन्हें खेती के दूसरे विकल्प को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. खेती के लिए फसल के दूसरे विकल्पों में मक्का तथा मडुवा के...
More »मजदूर बनने को मजबूर पंजाब के छोटे किसान
हरित क्रांति के बूते भारत में रोटी का टोकड़ा कहलाने वाला और फायदेमंद किसानी के कारण देश के धनी राज्यों में शुमार पंजाब में आज सीमांत और छोटे किसान खेती छोड़कर मजदूर बनने के लिए मजबूर हैं- यह निष्कर्ष है पंजाब में खेती-किसानी की दशा पर केंद्रित एक शोध-अध्ययन का। अग्रणी जर्नल करेंट साइंस के मई अंक में प्रकाशित सुखपाल सिंह और श्रुति भोगल द्वारा प्रस्तुत डीपीजेंटाइजेशन इन पंजाब: स्टेटस् ऑफ...
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