मौसम में अचानक आए परिवर्तन से लगातार गिर रहे तापमान और घने कोहरे के चलते पाला पड़ने के आसार बन गए हैं। पाले से रबी की अधिकतर फसलों को खराब होने की आशंका बढ़ गई है। मौसम ने किसानों की धड़कने बढ़ा दी है। वहीं दूसरी तरफ कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को पाले से सचेत रहने की सलाह दी है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में आए परिवर्तन और घने कोहरे से सरसों...
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ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज
छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...
More »जलवायु परिवर्तन का जानलेवा असर बच्चों पर
बच्चे जलवायु-परिवर्तन के जिम्मेदार तो नहीं हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे गहरी चोट उन्हीं को लगेगी। जलवायु-परिवर्तन से बच्चों की जिन्दगी को सबसे ज्यादा खतरा है।बाल अधिकारों की वैश्विक संस्था सेव द चिल्ड्रेन द्वारा जारी फीलिंग द हीट-चाइल्ड सरवाईवल इन चेजिंग क्लाइमेट नामक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बच्चों की सेहत को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है।(देखें नीचे दी गई लिंक) रिपोर्ट...
More »गया में मस्तिष्क ज्वर ने ली 27 बच्चों की जान
गया/ पटना। सूबे के मगध प्रमंडल में मस्तिष्क ज्वर का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। हर जिले में मस्तिष्क ज्वर के दर्जनों मरीज मिले हैं। पिछले 50 दिनों में इस मर्ज ने 27 बच्चों की जान ले ली है। इसकी चपेट में ज्यादातर 15 वर्ष की आयु वर्ग के नीचे के बच्चे हैं। गंभीर स्थिति को देख सरकार सतर्क हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव ने डाक्टरों की...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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