SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 963

रेटिंग एजेंसियों का कारोबार-- वरुण गांधी

किसी व्यक्ति, संस्था या देशों की रेटिंग प्राचीन काल से होती आयी है. इतिहासकार हेरोडोटस ने साइरेन के विद्वान कल्लीमकस के साथ मिलकर सात अजूबों की असल सूची बनायी थी, जिसमें अलंकृत भाषा में इनकी खूबियों के बारे में बताया गया था. आधुनिक समय की क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की उत्पत्ति तो हाल की घटना है- 1837 के वित्तीय संकट के बाद एक विडंबना के साथ इनकी शुरुआत हुई. ऐसी...

More »

किसके स्कूल-- जीनत

मेरी ही तरह सरकारी स्कूल से पढ़े एक दोस्त ने स्कूल के दिनों का अनुभव साझा किया। वह जब बारहवीं कक्षा में था, तब पहली बार एक अध्यापक ने स्कूल से अंतिम कक्षा की पढ़ाई पूरी करके निकलने वाले विद्यार्थियों के लिए ‘फेयरवेल पार्टी' यानी विदाई समारोह आयोजित करने बात कही तो दूसरे अध्यापक ने उनके इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया और यह टिप्पणी की कि सरकारी...

More »

सामाजिक एका का अधूरा एजेंडा - (कै.) आर विक्रम सिंह

हमारे राजनीतिक परिदृश्य में संभावनाओं, नेतृत्व एवं विकल्पों की बहुतायत है। इस बहुतायत से हम भलीभांति परिचित हैं और साथ ही इससे भी अवगत हैं कि हमारे पास धार्मिक नेतृत्व भी है, जो धर्म एवं हमारी परंपराओं के बारे में मार्गदर्शन देता रहता है। इन दोनों के मध्य एक बहुत बड़ा रिक्त क्षेत्र है, जो समाज का है। अपने यहां सामाजिक नेतृत्व का अकाल-सा है। समाज का एकीकरण किसी का...

More »

मध्यप्रदेश: सालभर में 6 हजार 639 रुपए बढ़ी प्रति व्यक्ति आय

भोपाल। बजट से पहले मंगलवार को विधानसभा में राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण आया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में इस साल लगभग 6 हजार 639 रुपए यानी 9.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अग्रिम अनुमानों के हिसाब से राज्य की शुद्ध प्रति व्यक्ति आय 73 हजार 268 रुपए से बढ़कर 79 हजार 907 रुपए हो गई है। 2011-12 के स्थिर भावों से देखें तो यह आय 52 हजार 406 रुपए से...

More »

भ्रष्ट नौकरशाही पर नकेल का फॉर्मूला - डॉ. भरत झुनझुनवाला

पंजाब नेशनल बैंक में घोटाले से स्पष्ट हो गया कि सरकारी तंत्र के निचले हिस्से में भ्रष्टाचार पहले की तरह फल-फूल रहा है। जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऊंचे स्तर पर तमाम ईमानदार अधिकारियों को नियुक्त किया है। वित्त सचिव और पीएनबी के प्रबंध निदेशक भी ईमानदार ही होंगे, लेकिन क्या उनके नीचे के लोग भी वैसे ही हैं? एक वृत्तांत वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करता है। किसी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close