यदि आपने देव आनंद की 1965 की क्लासिक फिल्म ‘गाइड' देखी हो तो टीवी स्क्रीन पर सूखे से प्रभावित क्षेत्रों खासतौर पर महाराष्ट्र के दृश्य अापको पहले देखे हुए से लगेंगे। फिल्म के अंतिम हिस्से में राजू गाइड सूखे से प्रभावित क्षेत्र के एक मंदिर में शरण लेता है। गांव वालों को लगता है कि वे कोई पहुंचे हुए स्वामीजी हैं और ग्रामीण उसे तब तक उपवास करने पर मजबूर...
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मानसून रहा मेहरबान तो 7.6 फीसद रहेगी रफ्तार
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक का मानना है कि अगर मानसून मेहरबान रहा तो चालू वित्त वर्ष 2016-17 में देश की आर्थिक विकास दर 7.6 फीसद तक पहुंच सकती है। आरबीआई ने महंगाई की दर में अगले दो साल में वृद्धि की आशंका भी जताई है। हालांकि इस वर्ष में महंगाई की दर पांच फीसद के स्तर पर बने रहने की ही संभावना है। चालू वित्त वर्ष की पहली कर्ज नीति का...
More »झारखंड में हर दिन 172 लोग मलेरिया की चपेट में
रांची : झारखंड में मानसून समाप्त हुए पांच माह बीत गये हैं. पर मलेरिया की समस्या यहां से मिटने का नाम नहीं ले रही है. अब जाड़े के मौसम में भी मलेरिया लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. स्थिति यह है कि राज्य में हर दिन 172 लोग मलेरिया की चपेट में आ रहे हैं. इस साल जनवरी में ही 5344 लोग मलेरिया से ग्रसित मिले हैं. इनमें...
More »किसानों के मन का बजट-- के सी त्यागी
बजट का इंतजार सबको है। खासकर ग्रामीण और कृषक वर्गों में इसकी बेसब्री ज्यादा है। उनके लिए यह बजट ‘रक्षक' या ‘भक्षक' की भूमिका निभाने वाला होगा, क्योंकि पिछले दो बजट में किसानों के लिए कुछ खास नहीं था। आम चुनाव के दौरान किए गए वादों ने उनमें खासा उत्साह भरा था, लेकिन धरातल अनछुआ रह गया। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने की...
More »मौसम की मार से निपटने के उपाय करे सरकार
बजट में किसान कई बातों के अलावा मौसम की मार से बचाव के उपाय भी चाहता है। वह बेहतर मौसम अनुमान, फसलों की समय से क्षतिपूर्ति, सीधी सब्सिडी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती की उम्मीदें रखता है। जानकार भी कहते हैं कि सरकार कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में भरपूर निवेश करे ताकि सूखे में स्थितियां नियंत्रण में बनी रहें। एक नजर- बजट 2016-17: क्या हैं उम्मीदें नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो किसानों...
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