पटना : बिहार राज्य का बजट 27 फरवरी (सोमवार) को विधानमंडल में पेश होने जा रहा है. इस बार का बजट कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण होगा. डेढ़ लाख करोड़ का बजट पहली बार राज्य सरकार पेश करने जा रही है. वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट एक लाख 55 हजार करोड़ से ज्यादा और एक लाख 60 हजार करोड़ से कम का होगा जो चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के एक...
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नौकरशाही पर पहरेदारी का प्रश्न - हृदयनारायण दीक्षित
भ्रष्टाचार से मुक्ति भारत की राष्ट्रीय अभिलाषा है। इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी के 'न खाऊंगा और न खाने दूंगा वाले बयान की अक्सर मिसाल दी जाती है। मोदी के तीन साल के कार्यकाल में केंद्र सरकार के स्तर पर भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आया, मगर इस बीच प्रशासन से जुड़े तमाम बड़े नाम भ्रष्टाचार की जद में फंसते नजर आए। सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा पर...
More »नोटबंदी से आवासीय क्षेत्र को हुआ बड़ा नुकसान
नई दिल्ली। साल 2016 की चौथी तिमाही नोटबंदी के चलते रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बीते तीन वर्ष की सबसे खराब तिमाही साबित हुई है। निवेशकों की अवधारणा पर तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 की पहली छमाही के मुकाबले आखिरी तिमाही में स्थितियां ज्यादा खराब हुई हैं। रियल एस्टेट सेक्टर की जानी मानी एजेंसी नाइट फ्रैंक के मुताबिक निवेशकों की प्रतिक्रिया के आधार पर तैयार किया जाने...
More »आस्तियां कैसे बनीं अस्थियां!-- अनिल रघुराज
हम ऋण लेते हैं, तो वह हमारे लिए बोझ या देनदारी होता है. मशहूर कहावत भी है कि अगर हमें बैंक को 100 रुपये लौटाने हैं, तो यह हमारी समस्या है, लेकिन हमें अगर 100 करोड़ लौटाने हैं, तो यह बैंक की समस्या है. दरअसल, बैंक जब ऋण देता है, तब वह उसके लिए आस्ति होती है, क्योंकि मूलधन समेत उस पर मिला ब्याज ही उसकी कमाई का मुख्य जरिया...
More »राजनीति के मैदान में काले धन का खेल-- सुधांशु रंजन
चुनाव प्रणाली और काले धन के रिश्ते इन दिनों फिर चर्चा में हैं। राजनीतिक दलों के लिए धन चंदे से आता है। लेकिन न तो चंदा देने वाला और न ही लेने वाला इसे सार्वजनिक करना चाहता है। यह गुपचुप कारोबार ही भारतीय राजनीति को कलुषित करता है। केंद्र सरकार ने राजनीतिक जगत में नकद के खेल को कम करने के लिए एक कदम उठाया है। अब जन प्रतिनिधित्व अधिनियम,...
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