वे आए, उन्होंने देखा, और उन्होंने तकरीबन सबकुछ जीत लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इस बार अपने मन में एक सुनिश्चित लक्ष्य लेकर आए थे और वे उसे पूरा करने में कामयाब रहे। वे अमेरिका के परमाणु संयंत्र और उपकरण प्रदाताओं को परमाणु उत्तरदायित्व से मुक्त कराना चाहते थे, वे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन पर अंकुश लगाने के लिए भारत को अपना सामरिक सहयोगी बनाना चाहते थे और साथ ही...
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दावोस में दिखा बदलता भारत- तवलीन सिंह
दावोस के बाजार में उस रेस्टोरेंट में, जो पिछले वर्ष तक 'अड्डा' था भारतीयों का, इस वर्ष कांच की खिड़की पर एक बड़े शेर की तस्वीर बनी हुई है, जिसके ऊपर लिखा है- मेक इन इंडिया। इसके इशारे स्पष्ट हैं। एक बार फिर भारत के द्वार निवेशकों के लिए खुल गए हैं। दावोस में यह संदेश देना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यहां दुनिया के सबसे बड़े निवेशक मौजूद थे।...
More »अध्यादेश लाने से खुश हैं विदेशी निवेशक : अरुण जेटली
दावोस: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अध्यादेश लाने पर हो रहे राजनीतिक विरोध को ‘अवरोध की नीति' करार देते हुए कहा कि विदेशी निवेशकों को इन फैसलों से कोई समस्या नहीं है. बल्कि वे तो इस बात से खुश ही हैं कि सरकार यह कानून लेकर आयी. जेटली ने कहा ‘मुझे नहीं लगता है कि अध्यादेश का जरिया उनके लिए जरा भी चिंता का विषय है. वे इस बात से...
More »कर्ज लेकर घी पीने से नहीं बनेगी बात - डॉ. भरत झुनझुनवाला
चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। हमने चीन से 54 अरब डॉलर के आयात किए, जबकि निर्यात मात्र 17 अरब डॉलर के किए। इस घाटे को पाटने के लिए सरकार ने चीन से आग्रह किया है कि वह भारत में विदेशी निवेश बढ़ाए। गत वर्ष शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन ने गुजरात तथा महाराष्ट्र में औद्योगिक क्षेत्रों, हाईस्पीड ट्रेनों तथा दिल्ली-चेन्न्ई कॉरिडोर...
More »बैंकों की दशा सुधारने की कवायद- धर्मेंन्द्रपाल सिंह
देश की अर्थव्यवस्था से आजकल अजीब इशारे मिले हैं। बीते अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसद गिरा। जुलाई से सितंबर की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई। सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है, लेकिन देशी-विदेशी पूंजीपति नया निवेश करने से कतरा रहे हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हमारा देश ‘बैलेंस शीट रिसेशन' के...
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