जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
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हरित क्रांति के लिए बीज अहम : परोदा
बढ़ती आबादी की खाद्यान्न मांग को पूरा करने के लिए बीज सेक्टर के विकास को राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। कृषि क्षेत्र में दूसरी हरित क्रांति के लिए बीज की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। गुडग़ांव में इंडियन सीड कांग्रेस में हरियाणा किसान आयोग के अध्यक्ष आर एस परोदा ने कहा कि...
More »दायित्वों को पूरा करने से साकार होगा पंचायती राज का
पंचायतीराज यानी आम नागरिक का शासन. जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय और जीवन की बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को दूसरों पर आश्रित न होना पड़े. सत्ता चंद लोगों के हाथों में केंद्रित न रहे, बल्कि उसके कई भागीदार हों. अपने गांव में खुशहाली लाने के लिए ग्रामीणों को किसी पर आश्रित न रहना पड़े. यह सपना था महात्मा गांधी का, जिसे पूरा करने के लिए प्रयास तो आजादी के बाद से ही हो...
More »नाबार्ड का पूंजी आधार चार गुना बढ़ेगा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार ने ग्रामीण व कृषि क्षेत्र को ज्यादा कर्ज मुहैया कराने के अपने अभियान के तहत राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक [नाबार्ड] के पूंजी आधार को चार गुणा बढ़ाने का फैसला किया है। नाबार्ड के मौजूदा पूंजी आधार 5000 करोड़ रुपये को बढ़ा कर 20 हजार करोड़ रुपये करने संबंधी प्रस्ताव को गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पास कर दिया गया। पूंजी आधार को बढ़ाने...
More »कर ढांचे की कमजोर कड़ियां- अभिनव श्रीवास्तव
जनसत्ता 8 फरवरी, 2013: बीते दिनों जब प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार सी रंगराजन ने सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले कर-अनुपात बढ़ाने के लिए अमीरों पर ऊंची दर से कर लगाए जाने की बात कही तो उनका यह बयान सीधे तौर पर दो घटनाओं से प्रभावित रहा होगा। पहली घटना का संबंध अमेरिका से है, जहां पिछले बीस सालों में पहली बार अमेरिकी सीनेट ने अमीरों पर कर बढ़ाने के प्रस्ताव को...
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