जनसत्ता 10 दिसंबर, 2013 : उत्तर प्रदेश से अब गन्ना उगाने वाले किसानों के मिल मालिकों से संघर्ष की खबरें आ रही हैं। यह संघर्ष जोरदार है। और एक तरह से इसे सफल जन संघर्ष कहा जा सकता है। इसने मुजफ्फरनगर की तीन महीने से चली आ रही हिंसा की खबरों को पीछे धकेल दिया है। कम से कम हिंदी अखबारों में। इस आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के लोग...
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देश के 361 वेयरहाउस जारी कर सकेंगे नेगोशिएबल रसीद
ट्रेडर्स और किसान अब 361 वेयर हाउसों में जिंसों का भंडारण करके नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (एनडब्ल्यूआर) प्राप्त कर सकेंगे। भंडारण विकास एवं नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) देशभर में 361 वेयर हाउसों को मान्यता दे चुका है, जिनकी लगभग 15.50 लाख टन खाद्यान्न की कुल भंडारण क्षमता है। ट्रेडर्स और किसानों के फायदे के लिए डब्ल्यूडीआरए अब प्राइमरी सहकारी संस्थाओं के गोदामों को भी मान्यता दे रहा है। इन रसीदों के आधार पर बैंकों...
More »आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता और बढ़ी
खाद्य तेलों के परिदृश्य पर कृषि मंत्रालय की आंतरिक रिपोर्ट खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च तो कर रही है इसके बावजूद विदेशों से आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। देश में वर्ष 2001-02 में कुल खपत के 56 फीसदी खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन हो रहा था जबकि वर्ष 2012-13 में...
More »गन्ने की कड़वाहट- अरविन्द कुमार सेन
जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...
More »सरकार और चीनी मिल मालिकों के बीच गतिरोध समाप्त
लखनऊः बीते दस दिनों से निजी चीनी मिलों और सूबे की सरकार के बीच चल रहा टकराव रविवार को समाप्त हो गया. सरकार ने निजी चीनी मिल मालिकों की तीन प्रमुख मांगों को मान लिया. इन मांगों के मानने से सरकार को 879 करोड़ रूपए को अतरिक्त बोझ इस पेराई सत्र में उठाना पड़ेगा. सरकार और चीनी मिल मालिकों के संगठन के बीच हुई सहमति के बाद अब सूबे की सभी चीनी...
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