आम आदमी कैंटीन की क्षमता 2000 लोगों को प्रतिदिन भोजन मुहैया कराने की है। सरकार को इसके संचालन में 10 लाख रुपये प्रति माह खर्च करने होंगे। मरीजों को उपलब्ध कराया जाने वाला मुफ्त भोजन अस्पताल की पहले से संचालित कैंटीन से ही मिलेगा। आम आदमी कैंटीन में दाल, चावल, सब्जी और दो रोटी शामिल है। जनता के सुझावों के आधार पर बदलाव किया जा सकता है। दिल्ली सरकार द्वारा पहले...
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रोटी, छुट्टी और चिट्ठी से चलती जिंदगी-- विभूति नारायण राय
अंग्रेजी की एक कहावत है- ‘आर्मी मार्चेज ऑन इट्स बेली'। हिंदी में अनुवाद करें, तो कह सकते हैं कि लड़ने के लिए सेना का पेट भरा होना जरूरी है। बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के वायरल हुए वीडियो के अंदर कई अंतर्कथाएं छिपी हैं। वीडियो देखते हुए मुझे बीएसएफ में बिताए अपने दस साल याद आ रहे हैं। पाठकों की जानकारी के लिए बता दूं कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स या...
More »कम क्यों है भ्रष्टाचार की शिकायतें ?
रोजमर्रा के शासन-प्रशासन में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत बहुत कम ! इस विरोधाभास की व्य़ाख्या कैसे हो ? क्या भ्रष्टाचार रोकने के कानूनों पर अमल इतना लचर है कि लोगों को इंसाफ मिलने का भरोसा ही नहीं होता ?हाल के एक अध्ययन के तथ्य इसी आशंका की पुष्टी करते हैं.(देखें नीचे की लिंक)दिल्ली स्थित मानवाधिकार संगठन कॉमनवेल्थ ह्युमन राइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) के एक आकलन के मुताबिक बीते पंद्रह...
More »भिंडी बाजार बनाम राजनीति-- प्रमोद जोशी
राहुल गांधी ने कहा- नोटबंदी पर फैसले को चुनौती देनेवाला मेरा भाषण तैयार है, लेकिन संसद में मुझे बोलने से रोका जा रहा है. मुझे बोलने दिया गया तो भूचाल आ जायेगा. सरकार की शिकायत है कि विपक्ष संसद को चलने नहीं दे रहा. उधर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सांसद अपनी जिम्मेवारी निभायें. आपको संसद में चर्चा करने के लिए भेजा गया है, पर आप हंगामा...
More »जो महत्तम हैं, वे लघुत्तम क्यों!-- अनिल रघुराज
हर किसी का अपना-अपना आर्थिक जीवन है. वयस्क वर्तमान हैं, तो बच्चे भविष्य की तैयारी हैं. यहां तक कि बेरोजगारों का भी आर्थिक जीवन है, क्योंकि यहां सिर्फ कमाने या बनाने ही नहीं, खपत का भी योगदान है. हम अपने पास-पड़ोस के आर्थिक जीवन से भी वाकिफ रहते हैं. लेकिन, जब सारे देश की बात होती है, तो सब कुछ धुआं-धुआं हो जाता है. उसमें भी जब जीडीपी की चर्चा...
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