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अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों में कहीं ज्यादा है कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा

-डाउन टू अर्थ, हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि जो लोग मोटापे और वजन की समस्या से जूझ रहे हैं उनमें कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा कहीं ज्यादा है| यही नहीं उन्हें इससे उबरने के लिए ऑक्सीजन और सांस सम्बन्धी उपायों का कहीं अधिक सहारा लेना पड़ता है| मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट और द यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड द्वारा किया यह शोध जर्नल डायबिटीज केयर में...

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मोदी, शाह, ममता या राहुल- किसी को भी कोविड पर EC की चेतावनी की परवाह नहीं, जमकर हो रही रैलियां

-द प्रिंट, चुनाव आयोग (ईसी) की तरफ से क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर महामारी के बीच रैलियां आयोजित करने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए पत्र लिखे जाने के कुछ दिन बाद राजनीतिक दलों ने पश्चिम बंगाल में अपना चुनाव अभियान और तेज कर दिया है. भाजपा की तरफ से सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन राजनीतिक रैलियां रखी गईं, जबकि...

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श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: अहमदाबाद में भी छिपाए जा रहे हैं कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़े?

-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 की दूसरी लहर ने गुजरात को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब रविवार (11 अप्रैल 2021) तक कोविड से 4,797 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। रविवार को पूरे प्रदेश में एक दिन में 54 लोगों की मृत्यु हुई। जिसमें सबसे अधिक अहमदाबाद में 24 और सूरत में 18 हैं। लेकिन कोविड-19 से हो रही मौतों के आंकड़ों पर सवाल...

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विकास, समृद्धि और वृद्धि के मामले में महामारी के दौरान विश्व का अग्रणी बनने की दौड़ में चीन के मुकाबले भारत पिछड़ा!

पिछले एक वर्ष के दौरान, कोविड-19 महामारी द्वारा लाई गई मंदी की बदौलत विकास, समृद्धि और वृद्धि के मामले में विश्व का अग्रणी बनने की दौड़ में भारत पिछड़ता नजर आ रहा है. साल 2020 में देश में कुल गरीब लोगों की संख्या बढ़ गई है और मध्यम वर्ग पहले की तुलना में कम हो गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका के थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन से...

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विश्व स्वास्थ्य दिवस: एक साफ, स्वस्थ विश्व के निर्माण का संकल्प

-जनपथ, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के पैमाने पर ‘‘जन स्वास्थ्य’’ एक जरूरी मसला है। सार्वजनिक जन स्वास्थ्य के बिना किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ और सुखी रहना नामुमकिन है। कोई व्यक्ति यदि महज धन सम्पत्ति के बदौलत यह सोचता है कि वह अच्छा स्वस्थ्य भी हासिल कर लेगा तो यह उसकी गलतफहमी है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) आज...

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