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ऑस्‍ट्रेलिया से आएगा गेहूं, 5 साल में सबसे ज्‍यादा आयात की नौबत

नई दिल्‍ली। बेमौसम बारिश ने इस साल भारत में गेहूं के आयात की नौबत ला दी है। हाल में भारतीय व्‍यापारियों ने ऑस्‍ट्रेलिया से 80 हजार टन गेहूं आयात के सौदे किए हैं। पिछले पांच साल में यह गेहूं का सबसे बड़ा आयात होगा। मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार से भारत के कई राज्‍यों में गेहूं की फसल तबाह हुई है, जिसे देखते हुए ट्रेडर्स गेहूं...

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एग्री इक्विपमेंट इंडस्‍ट्री पर बारिश ने फेरा पानी, 30 फीसदी तक घट सकती है सेल्‍स

नई दिल्‍ली। फरवरी, मार्च के दौरान हुई बेमौसम बारिश सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं बल्कि एग्री इक्विपमेंट कारोबार के लिए भी बड़ी मुश्किल लेकर आई है। उत्‍तरी और उत्‍तर पश्चिमी भारत में हुई बेमौसम बारिश के बाद खड़ी हुई मुश्किल के चलते इंडस्‍ट्री को इस साल बिक्री में जबर्दस्‍त गिरावट आने की आशंका है। कृषि यंत्र कारोबारियों के अनुसार पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी, राजस्‍थान, उत्‍तराखंड कुल बिक्री में करीब...

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आठ राज्‍यों में फसलों को भारी नुकसान की आशंका, अगले हफ्ते आएगी सर्वे रिपोर्ट

नई दिल्‍ली। मार्च की बेमौसम बरसात और ओलों ने देश के उत्तरी, मध्‍य और पश्चिमी क्षेत्र में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में 50 लाख हेक्टेयर भूमि में खड़ी फसल बर्बाद हुई है। करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान निदेशालय के मुताबिक देश भर में गेहूं की करीब 20 प्रतिशत फसल को नुकसान...

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दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...

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घर छोड़ने को मजबूर क्यों अन्‍नदाता? - देविंदर शर्मा

कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...

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