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27 वर्षो से नहीं हुई शिक्षकों की नियुक्ति

रांची: राज्य में संस्कृत की पढ़ाई दम तोड़ रही है. राज्य गठन के बाद राज्य में एक भी संस्कृत विद्यालय नहीं खोले गये. जो विद्यालय पहले से थे, वे भी खस्ता हालत में हैं. विद्यालय की खराब स्थिति का असर विद्यार्थियों की संख्या पर भी पड़ा है. राज्य में संस्कृत पढ़नेवाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. मध्यमा (संस्कृत) से परीक्षा में शामिल होनेवाले विद्यार्थियों की संख्या दो...

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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार

जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...

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धमतरी के बासमती की खुशबू से महकेगा अब पूरा छत्तीसगढ़

राममिलन साहू, धमतरी। बासमती की खेती अब तक सिर्फ पंजाब व हरियाणा प्रदेश की माटी में खुशबू बिखरेती आ रही है। अब छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरूद ब्लाक में पहली बार 30 एकड़ खेतों में बासमती पुसा सुगंध प्रजाति की फसलें लहलहा रही हैं। बासमती की खेती को कुरूद में सफलता मिली, तो इसे पूरे छत्तीसगढ़ में लागू किया जाएगा। यह पहल कृषि विभाग की आत्मा योजना के द्वारा...

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सरकारी स्कूल की हालत ट्रांसपोर्ट की गाड़ी जैसी

पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षा की सरकारी व्यवस्था के बारे में रविवार को साफ-साफ और बेबाक अंदाज में बात की. मुख्यमंत्री ने कहा, सरकारी स्कूलों का हाल ठीक सरकार के ट्रांसपोर्ट की उस गाड़ी की तरह हो गयी है, जिसके एक साल चलते-चलते टायर व पार्ट्स तक बिक जाते हैं. वहीं, प्राइवेट स्कूलों का विकास प्राइवेट बस की तरह हो रहा है. एक साल में एक बस...

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जन-स्वास्थ्य से खुलेगी तरक्की की राह - बिल गेटस्

मैंने 1980 के दशक में जब भारत में आना शुरू किया, तो मैं यहां के आईटी क्षेत्र की बढ़त और उद्यमिता की सोच को देखकर अचंभित हो गया। भारत के एक नियमित पर्यटक के रूप में मैं यह मानता हूं कि देश का भविष्य काफी उज्जवल है। लेकिन एक चीज, जिससे भारत के उज्जवल भविष्य की संभावनाएं और भी बढ़ सकती हैं, वह है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर अधिक निवेश।...

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