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20 पैसे में मिलेगा एक लीटर शुद्ध पानी- कुलदीप सिंगोरिया की रिपोर्ट

भोपाल। शुद्ध पेयजल मुहैया कराने में नाकाम रही प्रदेश सरकार अब गांवों में 20 पैसे प्रति लीटर की दर से शुद्ध पानी बेचेगी। इसके लिए गांवों में निजी कंपनियों की मदद से छोटे-छोटे वाटर प्यूरीफायर प्लांट लगाए जाएंगे। ये प्लांट लोगों को आईएसओ 10500 गुणवत्ता का पेयजल उपलब्ध कराएंगे। शुरुआती चरण में सरकार नवाचार कार्यक्रम के तहत धार, दमोह आदि जिलों में करीब 100 प्लांट लगाकर इस स्कीम को शुरू करने...

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बारिश का बढ़ा इंतजार, 15 दिन से ज्यादा लेट हो सकता है मानसून- डूंगर सिंह की रिपोर्ट

जयपुर.प्रदेश में इस बार मानसून के तय समय से एक माह से भी ज्यादा देरी से आने के आसार बन रहे हैं। 1 जून को केरल पहुंचा मानसून पश्चिमी उप्र में प्रवेश करते ही कमजोर पड़ गया। अब एक सप्ताह तक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में से कहीं भी नए मौसमी तंत्र के विकसित होने के संकेत नहीं मिल रहे। उसके बाद तंत्र बनेगा तो भी...

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मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।

नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...

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भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)

मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...

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कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण

  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्‍बन्‍धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...

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