मानव जाति की मूल आवश्यकताओं की बात करें तो रोटी, कपड़ा और मकान का ही नाम आता है। इनमें रोटी सर्वोपरि है। रोटी यानी भोजन की अनिवार्यता के बीच आज विश्व के लिए शर्मनाक तस्वीर यह है कि वैश्विक आबादी का बड़ा हिस्सा अब भी भुखमरी का शिकार है। भुखमरी की इस समस्या को भारत के संदर्भ में देखें तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा भुखमरी पर जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया...
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कठघरे में खट्टर सरकार: फॉर्म में छात्रों से पूछा- माता-पिता अस्वच्छ पेशे में हैंं?
तो क्या अब स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चों के माता-पिता को अपना आधार नंबर भी बताना होगा? यह सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि हरियणा में स्कूलों में एडमिशन के लिए जो फॉर्म बच्चों को दिये जा रहे हैं उनमें मांगी गईं जानकारियां बेहद ही हैरान कर देने वाली हैं। हैरानी की बात यह भी है कि इस प्रवेश फॉर्म में 100 तरह की अलग-अलग जानकारियां मांगी गई...
More »जीने के मौलिक अधिकार की रक्षा-- अनूप भटनागर
अनुसूचित जाति और जनजाति (उत्पीड़न से रोकथाम)कानून के तहत शिकायत होने पर तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को लचीला बनाने और जांच के बाद ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने संबंधी उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया उनके नजरिये को ही दर्शाती है। राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया को देखते हुए एक सवाल उठता है कि यदि बलात्कार और यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराने...
More »बिहार : मां-बाप के इलाज के लिए भीख मांग रही बच्ची
सुलतानगंज : लाचार मां-बाप का इलाज और भरण-पोषण के लिए एक आठ साल की बेटी को घर-घर भीख मांगनी पड़ रही है. भीख में मिले पैसे से वह माता-पिता, एक बहन और खुद के लिए भोजन की व्यवस्था करती है. जिस दिन भीख में पैसे नहीं मिलते हैं, उस दिन घर में भोजन पर भी आफत हो जाती है. आस-पड़ोस के लोग भूखे देख कभी भोजन का इंतजाम कर...
More »दिल्ली AIIMS में मरीजों का बोझ बढ़ा, संक्रमण भी
नई दिल्ली। देश में नए-नए एम्स व सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खुलने के बावजूद दिल्ली स्थित एम्स में मरीजों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। बल्कि एम्स पर इलाज का बोझ बढ़ता जा रहा है। संस्थान की नई वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि एम्स की ओपीडी में मरीजों की संख्या एक साल में 17 फीसद बढ़ी है। जबकि सात सालों से एम्स में खास सुविधाएं...
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