एक समय था जब भारत इतना भी गेहूं-चावल नहीं उगा पाता था कि अपने लोगों का पेट भर सके. लेकिन दौर बदला और 60 के दशक में आयी हरित क्र ांति से भारत के भंडार अनाज से भरने लगे. इस सफलता में अगर सबसे ज्यादा पसीना किसी का बहा, तो वो थे पंजाब और हरियाणा के किसान. उत्तर-पश्चिमी भारत के ये छोटे राज्य अपने मेहनतकश किसानों के बूते पूरे भारत...
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बागवानी की सब्जियां मुरझाई, वाइरस और फंगस का प्रकोप
वीरेंद्र भट्ट, पेटलावद। इस वर्ष मिर्च, करेला, भिंडी, तुरई, चौलाई आदि सब्जियों में वाइरस और फंगस का भंयकर प्रकोप हुआ है। खेत में इन फसलों के खड़े पौधे मुरझा कर काले पड़ गए हैं। महंगे फंगीसाइड व अन्य वाइरस नियंत्रक कीटनाशक छिड़कने के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा है। कर्ज से परेशान किसान फसल को उखाड़ने को मजबूर हैं। भारी पड़ रही आधुनिक खेती। पेटलावद क्षेत्र नकद फसल...
More »जीएम फसल : भरोसेमंद रिसर्च, अन्नदाता की भलाई में समाधान
जीन संशोधित यानी जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) फसलों को लेकर भारत में एक बार फिर जीन संशोधित यानी जीएम फसलों का मामला गरमा गया है। पेश है एक रिपोर्टः- नरेंद्र मोदी सरकार पर इस मसले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के दबाव में काम करना आरोप लगा है। पहले खबर आई थी कि देश में 15 जीएम फसलों के फील्ड ट्रायल की अनुमति दे दी गई है। बाद में संघ से...
More »कमजोर मानसून की कीमत चुकाती खेती- सुरुचि भड़वाल
अपने देश में मानसून की शुरुआत पश्चिमी और उत्तरी समुद्री तट से जून के महीने में होती है, फिर बारिश धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचती है। यह पूरी प्रक्रिया चार महीनों की होती है, और इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में 80 फीसदी से अधिक बारिश होती है। लेकिन चूंकि सभी जगह कम दबाव का क्षेत्र एक समान नहीं बनता, इसलिए सब जगह बारिश भी एक जैसी नहीं...
More »अब अच्छी बारिश से भी नहीं सुधरेगी खरीफ फसलों की बुआई, पैदावार घटना तय- धर्मेन्द्र चौधरी
मौसम विभाग ने उम्मीद जताई है कि मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो चली हैं और अगले 2 से 3 दिनों में इसका विस्तार पूरे देश में होगा। मानसून की यह बौछार गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर भले हो लेकिन चावल की बुआई के लिए इंतजार कर रहे किसान अब इसकी अहमियत को कम आंक रहे हैं। बाजार के विशेषज्ञ भी इसी के चलते उत्पादन में...
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