जो देश अपने हाल-फिलहाल का इतिहास याद नहीं रखते, वे एक ही तरह की दुर्घटना दोहराने का खतरा उठाते हैं। देश की दो तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। यदि इनमें से किसी से आपातकाल लगाए जाने के दिन यानी 26 जून, 1975 का महत्व पूछिए तो उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभरते हैं। कई बार 55 साल के लोगों से भी ऐसा जवाब नहीं मिलता, जिससे...
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होशंगाबाद में बनेगा देश का पहला आपदा प्रबंधन पार्क
होशंगाबाद (मध्यप्रदेश)। प्राकृतिक आपदा के दौरान कई बार लोगों को समझ में नहीं आता कि इससे कैसे निपटा जाए। आपदा आने के बाद राहत और बचाव कार्य में भी जागरुकता और जानकारी की कमी के कारण कई प्रकार की दिक्कतें आती हैं। लोगों को आपदा की जानकारी देने, उन्हें जागरूक करने और बच्चों को मनोरंजन के साथ ही बचाव के प्रति सचेत करने के मकसद से होशंगाबाद होमगार्ड कार्यालय परिसर में...
More »एक जुलाई से आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा पर विचार
रांची : खाद्य सुरक्षा की तैयारी को शनिवार को कमतर बताते हुए एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम शुरू करने से इनकार करने वाले केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान रविवार को नरम दिखे. होटल बीएनआर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरयू राय ने आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा की तैयारी पूरी कर लेने की बात कही है. झारखंड के कुछ जिलों में नक्सल समस्या भी है....
More »पानी की वैश्विक राजनीति- डा. भरत झुनझुनवाला
पानी की अधिक खपत करनेवाली फसलों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. गुलबर्गा में रागी, जोधपुर में बाजरा और उत्तर प्रदेश में चावल और गेहूं की खेती करने से हमारे जल संसाधन सुरक्षित रहेंगे और देश की खाद्य सुरक्षा स्थापित होगी. असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि चीन यात्र के दौरान ब्रह्म पुत्र नदी के पानी के बंटवारे के मुद्दे को हल करें. मीडिया रपटों की...
More »उपलब्धियों से अधिक चुनौती -- अजय बोस
केंद्र की सत्ता में एक साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा चाहे कितना भी जश्न क्यों न मनाए, वास्तविकता यह है कि उसकी परेशानी छिपाए नहीं छिप रही। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि कॉरपोरेट हितैषी की रही है। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनकी यह छवि कमोबेश खंडित होती दिखाई देती है। पिछले दिनों खत्म हुए बजट सत्र में उनकी कोशिशों के बावजूद ऐसा कुछ नहीं हुआ,...
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