आज शायद ही किसी को वह चिट्ठी याद होगी जिसे सात अगस्त 2013 को नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा था. इस चिट्ठी में मोदी ने दुख जताया था कि "खाद्य सुरक्षा का अध्यादेश एक आदमी को दो जून की रोटी भी नहीं देता." खाद्य-सुरक्षा के मामले पर लोकसभा में 27 अगस्त 2013 को बहस हुई तो उसमें भी ऐसे ही मनोभावों का इज़हार हुआ. तब भारतीय जनता पार्टी के...
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शिक्षा पर 1000 करोड़ खर्च करेगी सरकार
कोलकाता: राज्य सरकार ने यहां उच्च शिक्षा क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का विकास करने के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनायी है. वर्ष 2014-15 से राज्य सरकार यहां उच्च शिक्षा में ओबीसी आरक्षण प्रावधान को लागू कर रही है, लेकिन राज्य सरकार यहां साधारण छात्रों की सीट कम नहीं करना चाहती है. बल्कि ओबीसी छात्रों के लिए जितने सीट आरक्षित किये जायेंगे, उतनी संख्या में कॉलेजों में...
More »समग्र स्वास्थ्य नीति के आधार- रितुप्रिया
जनसत्ता 17 जून, 2014 : दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट गहरा रहा है। पिछले डेढ़ सौ सालों में बनीं यूरोप और उत्तरी अमेरिका की सेवाएं उनके लिए भी अत्यधिक महंगी और एकांगी साबित हो रही हैं। मकिंजी कंपनी ने अनुमान लगाया था कि अगर स्वास्थ्य-सेवाओं पर खर्च ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2100 में अमेरिका को अपनी सकल आय का सत्तानबे फीसद और यूरोप को साठ फीसद स्वास्थ्य...
More »पोशाक के साथ जूते भी मिलेंगे: गीताश्री उरांव
रांची: शैक्षणिक सत्र 2014-15 से स्कूली बच्चों को पोशाक के साथ जूता-मोजा देने की योजना तैयार की गयी है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पोशाक के साथ-साथ जूता दिया जायेगा. शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के निर्देश पर इसकी योजना तैयार की गयी है. शिक्षा मंत्री ने इसकी स्वीकृति दे दी है. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इसके लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है....
More »नये मध्यवर्ग का चरित्र- पवन के वर्मा
भारत का युवा गणतंत्र संकट में है, और भारतीय मध्य-वर्ग इसमें मुखर प्रतिभागी और हाशिये पर खड़ा दर्शक बना हुआ है. इस द्वैध के कई कारण हैं. इतिहास में किसी वर्ग के लिए यह असामान्य नहीं रहा है कि वह अपने अंदर कहीं बड़ी संभावना रखता हो, लेकिन आम तौर पर उससे बेखबर हो तथा उस बड़ी भूमिका को निभाने के लिए उसकी उतनी तैयारी भी न हो. सामाजिक रूपांतरण की...
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