SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 742

एसी वाली कॉरपोरेट लाइफ छोड़ बनी किसान-- रचना प्रियदर्शिनी

तेजी से औद्योगिकीकरण की ओर बढ़ते इस मशीनी युग में जहां गांवों की अधिकतर आबादी बेहतर जीवन और सुख-सुविधाओं की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रही है, वहीं एक बेटी ऐसी भी है, जिसने कॉरपोरेट लाइफ की अच्छी-खासी जॉब को ठुकरा कर गांव में खेती करने के लिए वापस लौट आयी. इस बेटी का नाम है-अंकिता कुमावत. जानते हैं अंकिता के इस निर्णय की आखिर वजह क्या ...

More »

बीपीएल से नाम कटा तो कई योजनाओं से हो जाएंगे वंचित

शत्रुघन केशरवानी, सागर। गरीब बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले संपन्न् लोगों के नाम अब जल्द से जल्द बीपीएल की सूची से कटने वाले हैं। बीपीएल सूची से नाम कटने के अलावा ऐसे फर्जी पात्र लोगों को सरकार की दूसरी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल सकेगा, जिससे फर्जी बीपीएल कार्डधारियों में हड़कंप मच गया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा सागर जिले के लोग सरकारी राशन दुकानों से सस्ता...

More »

बंद कमरे में पड़े ही एक्सपायर हो गईं 19 लाख की दवाइयां

गुना। प्रदेश के 27 जिलों में भेजी गईं जेनेरिक दवाओं की खरीदी और वितरण के नाम पर खपाने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा भी एडीएम गुना की जांच में हुआ, जब उन्होंने एक दशक से बंद ड्रग वेयरहाउस का कक्ष खुलवाया। इसमें करीब 19 लाख की एक्सपायर दवाएं पाई गईं। इस पर एडीएम ने सीएमएचओ से जवाब तलब किया, तो मालूम चला कि ज्यादातर दवाएं तो बिना जरूरत के...

More »

ब्रांडेड दवाओं की महामारी-- आशुतोष चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जेनेरिक दवाओं को अनिवार्य करने की घोषणा ने देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. एक बड़ा तबका इसके समर्थन में खड़ा है तो दूसरी ओर डॉक्टरों का समुदाय और दवा कंपनियां इस घोषणा पर बेहद तल्ख प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि उनकी सरकार ऐसा कानून बनाएगी, जिससे डॉक्टरों के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य...

More »

कृषि ऋण माफी के आईने में-- वरुण गांधी

साल 1865 में अमेरिकी गृहयुद्ध के खत्म होने के बाद अमेरिका में कपास उत्पादन को फिर से बढ़ावा मिलने का नतीजा यह हुआ था कि वहां भारतीय कपास की मांग काफी कम हो गयी. इसके चलते बंबई प्रेसिडेंसी में किसानों से कपास की खरीद में कमी आयी और भुगतान-संबंधी मांग बढ़ गयी. कर्जदाता इच्छुक किसानों को कर्ज देने में हिचकने लगे या फिर वे बहुत ज्यादा ब्याज पर कर्ज देने...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close