सरकार की ओर से विकास कार्यों की विभागीय जांच तो होती ही रहती है और इसकी सीमाएं भी अब स्पष्ट हो चुकी हैं। पर यदि विकास कार्यों की जांच और मूल्यांकन उस समुदाय की भागीदारी से की जाए, जिसके लिए ये कार्य किए जाते हैं, तो उसके कहीं बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर ग्रामीण विकास सुधारने के संदर्भ में तो सामाजिक अंकेक्षण के कुछ बहुत अच्छे उदाहरण, सरकारी व...
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जमीन पर कब्जे का सुबूत दें, नहीं तो कार्रवाई
जागरण ब्यूरो, भोपाल। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सत्तारूढ़ बीजेपी के अध्यक्ष प्रभात झा से कहा है कि आदिवासियों की जमीनों पर कब्जे के या तो वह सुबूत दें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहे हैं। झा ने पिछले दिनों चुरहट विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर नेता प्रतिपक्ष सिंह व उनके बड़े भाई अभिमन्यु सिंह पर आदिवासियों की करीब दो सौ एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे...
More »मास्टर रोड: अब किसानों ने खड़ी की नई मुसीबत
फरीदाबाद. नहरपार डेवलपमेंट की अहम कड़ी मानी जा रही मास्टर रोड का निर्माण अभी शुरू भी नहीं हुआ है कि निर्माण कंपनी के सामने किसानों ने कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। नहरपार किसानों रविवार को बड़ौली गांव में एक पंचायत कर निर्माण कंपनी व हुडा अधिकारियों को चेतावनी दी है कि जब तक उनको उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वे मास्टर रोड का निर्माण कार्य सुगमता से नहीं चलने देंगे।...
More »मजदूरों की सुरक्षा को गावों में ही होगा पंजीयन
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने रोजगार के लिए राज्य से बाहर जाने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए उन्हें जरूरी कानूनी प्रावधानों का लाभ दिलाने का फैसला किया है। इन मजदूरों का गाव में ही पंजीयन किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहा बताया कि रोजगार के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर जाने वाले श्रमिकों को उनके हितों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कानूनी प्रावधानों का लाभ दिलाया जाएगा।...
More »जल की जमींदारी- राजकुमार सोनी(तहलका)
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 40 किलोमीटर दूर दुर्ग जिले के गांव महमरा के बाशिंदे आज भी इस बात को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते कि सदियों से उनकी जीवनरेखा रही शिवनाथ नदी पर अब उनका पहले जैसा अधिकार नहीं रहा. यहां के एक ग्रामीण साधुराम बताते हैं, 'हमें तो अब नदी की तरफ जाने में ही डर लगता है कि कोई कुछ कह न दे.' दरअसल शिवनाथ छत्तीसगढ़ की...
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