सरकार विभिन्न प्रकार की सामाजिक योजनाएं चलाकर मीडिया के माध्यम से देश के अंदर भले ही वाहवाही लूट ले, लेकिन, सामाजिक विकास के मामले में ज़मीनी हकीकत दिन-प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है. इस बात की पुष्टि इसी माह जारी ग्लोबल हंगर (भुखमरी) इंडेक्स ने की है, जिसके अनुसार भारत अपने पिछले साल की रैंकिंग की तुलना में इस साल और निचले पायदान पर खिसक गया है. पिछले साल (2018) 132...
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क्यों कुपोषण से प्रभावित श्योपुर में बच्चों को पोषण केंद्रों में ले जाने से कतरा रहे हैं परिजन?
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर तहसील अंतर्गत आने वाले ठाकुरपुरा गांव की चंदा डेढ़ वर्ष की है लेकिन उसका वजन पांच किलो भी नहीं है. अति गंभीर कुपोषित की श्रेणी में आने वाली चंदा को इलाज और उचित पोषण के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) ले जाने के लिए चिह्नित किया गया है. लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद चंदा के परिजन उसे एनआरसी ले जाने...
More »कीटनाशकों पर अंकुश से कम हो सकती हैं किसान-आत्महत्याएं- नई रिपोर्ट
दुनिया में आत्महत्या के हर पांच मामले में एक मामला कीटनाशक के जरिये आत्महत्या करने का होता है और आत्महत्या का यह तरीका निम्न आय-वर्ग में शामिल देशों के ग्रामीण तथा खेतिहर इलाकों में देखने को मिलता है. यह कहना है हाल ही में प्रकाशित पुस्तिका प्रीवेंटिंग स्यूसाइड: ए रिसोर्स फॉर पेस्टिसाइड रजिस्ट्रार्स एंड रेग्युलेटर का. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ऑफ युनाइटेड नेशन्स (एफएओ) द्वारा संयुक्त रुप से प्रकाशित इस...
More »कश्मीर में शर्तों पर मिल रही रिहाई, अनुच्छेद 370 पर बोलने पर भेज दिया जाएगा जेल
नई दिल्ली: बड़े नेताओं के साथ कश्मीर में राजनीतिक रूप से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने के लिए एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं जो देश में संविधान के तहत मिले अधिकारों का खुलेआम दुरुपयोग है. रिहा किए जाने वाले लोगों से जिन बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं उसके तहत रिहाई की यह शर्त है कि वे अनुच्छेद 370 सहित कश्मीर के हालिया हालात...
More »बीमा संबंधी विज्ञापन गुमराह करने वाले नहीं होने चाहिए: इरडा
नई दिल्ली: भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बीमा उत्पादों से संबंधित विज्ञापन स्पष्ट होने चाहिए और इनसे संभावित ग्राहकों के मन में ‘काल्पनिक' सुरक्षा की भावना पैदा नहीं होनी चाहिए. नियामक ने बीमा विज्ञापनों पर सर्कुलर जारी किया है. इसमें बताया गया है कि बीमा कंपनियों को क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए. सर्कुलर में कहा...
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