सिल्ली : कोई भूखा न रहे. किसी की भूख से मौत न हो. इसके लिए सरकार जितनी गंभीरता बरत ले, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता है. एक ऐसा ही मामला सिल्ली प्रखंड के मुरी पश्चिमी पंचायत के तिरला गांव में देखने को मिला. जहां अकेले रह रहे कार्तिक महली (63 वर्ष) के घर में अनाज नहीं है. कमजोरी के कारण...
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आयुष्मान भारत : सतर्कता जरूरी
वर्ष 2018-19 के वित्त वर्ष के लिए बजट में जब वित्तमंत्री ने यह घोषणा की कि 10 करोड़ परिवारों यानी 50 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य पर आनेवाले खर्च के लिए पांच लाख रुपये तक के खर्च को सरकार वहन करेगी, तो यह एक सपने जैसा प्रतीत हुआ था. बजट भाषण में वित्तमंत्री ने ‘आयुष्मान भारत' योजना का जिक्र किया था, जिसके अंतर्गत दो प्रकार की स्वास्थ्य योजनाओं की घोषणा हुई...
More »सीधी भर्ती प्रक्रिया की जरूरत-- भूपेन्द्र यादव
केंद्र सरकार द्वारा ‘सीधी भर्ती' के माध्यम से लोक सेवाओं में ‘संयुक्त सचिव' स्तर के अधिकारियों को रखे जाने का निर्णय चर्चा में है. दरअसल, सरकार ने हाल ही में विभिन्न सरकारी मंत्रालयों में संयुक्त सचिव के 10 पदों के लिए सीधी भर्ती की अधिसूचना जारी की, जिसके तहत आवेदनकर्ता सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया से नहीं होने के बावजूद सरकार में संयुक्त सचिव के रूप में देश निर्माण के...
More »बर्बरता पर रोक लगाना जरूरी-- पवन के वर्मा
कभी-कभी मैं महसूस करता हूं कि गणतंत्र में जो कुछ बिल्कुल ही अस्वीकार्य है, वह अब सामान्य-सा होता जा रहा है. जब पहली बार पशु व्यवसायियों पर हमले हुए, तो वे समाचार बने, मगर यह इतनी दफा होने लगा कि शुरुआती सदमा समाप्त हो चला है. इन वारदातों की खबरें और टिप्पणियां अब चलताऊ किस्म की होती हैं. यदि हम यह यकीन करते हैं कि भारत विश्व का सबसे बड़ा...
More »झारखंड: बोले पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी- राज्य में मानवीय विकास की स्थिति दयनीय है
पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि देश में सामाजिक उथल-पुथल की स्थिति है. हर आदमी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. जगह-जगह सांप्रदायिक हिंसा दिखायी पड़ रही है. स्वतंत्रता के बाद पहली बार देश बंटा हुआ दिख रहा है. मानवीय विकास के पैमाने पर ही राज्य का विकास देखा जाता है. राज्य में मानवीय विकास की स्थिति दयनीय है. यही वजह है कि लोग...
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