जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य में योजनाबद्ध तरीके से औद्योगिक विकास किया जा रहा हैं, देश और दुनिया के औद्योगिक मानचित्र पर राज्य नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री सोमवार को अलवर जिले में खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में होंडा मोटर साइकल्स एंड स्कूटर इंडिया लिमिटेड की पूर्णत: स्वामित्व वाली मोटर साइकिल बनाने वाली इकाई के भूमि पूजन समारोह के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। एचएमएसआई की...
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मानसून से पहले लहलहाई अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेरिका व अन्य विकसित यूरोपीय देश अच्छी आर्थिक वृद्धि के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में बीते वित्ता वर्ष 2009-10 की आखिरी तिमाही में भारत की विकास दर साढ़े आठ फीसदी को भी पार कर गई है। केंद्र सरकार की तरफ से सोमवार को जारी ताजे आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्ता वर्ष की अंतिम तिमाही [जनवरी-मार्च, 2010] में सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की वृद्धि दर 8.6 फीसदी रही है। अंतिम तिमाही के...
More »18000 साल पहले शुरू हो गई थी ग्लोबल वार्मिग!
लंदन। ग्लोबल वार्मिग यानी धरती के तापमान में वृद्धि का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों को चौंकाने वाला सूत्र हाथ लगा है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की राय में करीब 18 हजार साल पहले बड़ी मात्रा में कार्बन का जमाव समुद्र के अंदर हुआ था। कार्बन के इसी जमाव ने अंतिम हिमयुग को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। विज्ञान पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि अंतिम हिमयुग के दौरान समुद्र...
More »चुनाव से बंगाल में पहले होगी दूसरी हरित क्रांति
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। विधानसभा चुनाव होने के नाते पश्चिम बंगाल में सबसे पहले 'हरित क्रांति' होगी। केंद्र सरकार ने बजट में घोषित 400 करोड़ रुपये की दूसरी हरित क्रांति योजना में से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पश्चिम बंगाल को दे दी है। यह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का गृह राज्य भी है। दूसरी हरित क्रांति के लिए चुने गए बाकी पांच राज्यों को थोड़ा-थोड़ा 'चूरन' बांट दिया गया है। उन्नतशील...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
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