दमोह. प्रदेश के दमोह जिले में मौसम की मार,इल्ली से फसलें चौपट होने और नकली खाद-बीज के कारण किसान आत्महत्याएं करने को मजबूर हैं। किसान कर्ज लेकर खेती के लिए खाद और बीज खरीदते हैं, लेकिन नकली खाद और बीज किसानों की अच्छी फसल की उम्मीदों पर बुरी तरह कहर ढा रहे हैं। इल्लियों के प्रकोप और मौसम की मार से बर्बाद हुई फसलों के बाद कर्ज में डूबे एक किसान...
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जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
More »नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर
विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...
More »किसानों की सुनने की फुर्सत नहीं
जागरण ब्यूरो, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद भी बुंदेलखंड के किसानों को उड़द की घटिया बीज प्रदाय करने वालों के खिलाफ कार्यवाही का मामला पुलिस ने ठंडे बस्ते में ड़ाल दिया है। ज्ञातव्य है कि तीन माह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुंदेलखंड का दौरा किया था। उन्होंने अपने इस दौरे के दौरान खेतों में अफलन की स्थिति भी देखी थी। उन्होंने अफसरों को बीज...
More »अलख जगाती एक यात्रा-- मेधा
११ दिसंबर दिन शनिवार का है। बापू की समाधि राजघाट पर जनमेला लगा है। देश भर से लोग अपनी रंगत, अपने लिबास, अपनी भाषा में विविधता संजोए आए हैं। कुछ है जो रंग-बिरंगी विविधता से भरे इन लोगों के मन को एकरस बना रहा है। सब के दिलों में एक ही तमन्ना धड़क रही है। और वह तमन्ना है - शस्य श्यामला ध्रती की उर्वरा-शक्ति, उसकी जीवंतता को बचाने की,...
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