कोरबा, विकास पांडेय। सीएसईबी पूर्व के सहायक अभियंता चंद्रशेखर बघेल पूरे 6 दिन ड्यूटी करते हैं। उसके बाद मिलने वाले अवकाश के एक दिन भी आराम करने की बजाय जनसेवा में बिताते हैं। अनवरत् 15 साल से आदिवासियों की जीवनशैली बेहतर करने मुहिम चला रहे। जिले के आदिवासी बाहुल्य गांवों में पहुंच जाते हैं और महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनने प्रेरित करते हैं। उन्होंने न केवल आदिवासियों को नशामुक्ति का...
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जापानी बुखार से मौत के बाद दंतेवाड़ा जिले में सात गांवों का सर्वे आरंभ
दंतेवाड़ा। जिले के गदापाल की मासूम की मौत जापानी बुखार एनसेफेलिटिस से होने की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य अमला सकते हैं। विभाग टीम अब गांव की घेराबंदी कर घर-घर दस्तक दे रही है। पिछले तीन दिन से गांव के करीब 400 घरों में 18 लोगों की टीम बुखार पीड़ित बच्चे और परिजनों का बायोडाटा ले रही है। इतना ही कैंप लगाकर बच्चों सहित अन्य लोगों का उपचार भी किया जा...
More »आंदोलनों की निरंतरता के दस्तावेज-- शतरुद्र प्रकाश
किसी भी दौर में सरकार की ताकत से लड़ना मजाक नहीं होता। लेकिन यह भी सच है कि सरकार और उसके विरोध के साथ ही लोकतंत्र का विकास हुआ है और भविष्य में भी होता रहेगा। इस वजह से सरकार की मुखालफत आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी 1971, 1975 और 1977 में थी। क्या वाकई पूरी दुनिया में ऐसी कोई शख्सियत थी, जिसने कानून की अदालत में और...
More »देश के 20 राज्यों के मनरेगा मजदूरों को नहीं मिल पा रही मजदूरी-- नरेगा संघर्ष मोर्चा
क्या आप दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही एक ऐसी अर्थव्यवस्था की कल्पना कर सकते हैं जहां कुल श्रमशक्ति के लगभग 20 फीसद हिस्से को महीनों से अपने काम की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया हो ? अगर आपको यह सवाल अजीब लग रहा है तो दुनिया में रोजगार गारंटी की सबसे बड़ी योजना के रुप में मशहूर मनरेगा के मजदूरों की हालिया दशा के बारे में सोचिए. नरेगा...
More »संपत्ति में स्त्री के हिस्से की हकीकत-- प्रदीप श्रीवास्तव
महिलाओं को निजी संपत्ति में हिस्सा देने की बहस काफी पुरानी है। हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही यह बहस तेज हो गई थी। ब्रिटिश राज और उससे आजादी के बाद समय-समय पर कानून बनाए गए हैं, जो महिलाओं को निजी संपत्ति का अधिकार तो देते हैं, लेकिन समाज में पुरुष प्रधान सोच के कारण कानून पंगु बना रहा। वर्तमान समय में फैक्टरी, कार्यालय, खेत या घर- हर...
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