तेलंगाना स्थित पूर्ववर्ती आदिलाबाद जिले के निवासी गोंड एवं अन्य आदिवासियों के प्रतिनिधि संगठन तथा तेलंगाना सरकार के बीच चल रही बातचीत इस सप्ताह विफल हो जाने के बाद आदिवासी नेताओं ने घोषणा कर दी कि अब वे अपने गांवों में ‘स्वशासन' कायम करने की अपनी पूर्व घोषणा पर अमल करेंगे. ऐसा कर वे झारखंड के आदिवासियों द्वारा पहले से ही चलाये जा रहे ऐसे अभियान का ही अनुसरण कर...
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शिक्षा की चिंताजनक स्थिति-- आशुतोष चतुर्वेदी
किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति उस देश की शिक्षा पर निर्भर करती है. शिक्षित समाज ही आगे बढ़ता है. अच्छी शिक्षा के बगैर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती. अगर देश की शिक्षा नीति अच्छी है, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. अगर शिक्षा नीति अच्छी नहीं होगी, तो विकास की दौड़ में वह देश पीछे...
More »मनरेगा में सामाजिक अंकेक्षण: कर्नाटक रहा 2017-18 में सबसे अव्वल
मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) में कर्नाटक देश के सभी सूबों और संघशासित प्रदेशों में अव्वल है. सूबे में साल 2017-18 में 97 फीसद जिलों तथा 98 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कामों से जुड़ा सामाजिक अंकेक्षण हुआ है. मनरेगा से जुड़ी जानकारियों की सरकारी वेबसाइट www.nrega.nic.in के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम) के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2017-18 में मनरेगा में कुल 687 जिलों में तकरीबन...
More »झारखंड : मिलने थे 11000 विधवाओं को आवास, दो साल में बने मात्र 69
रांची : राज्य के ग्रामीण इलाकों में डॉ भीम राव आंबेडकर आवास योजना के तहत दो साल में एक प्रतिशत विधवाअों को भी आवास नहीं दिया जा सका है. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य भर में विधवाओं को इस योजना के तहत 11000 आवास देने थे. पर दो साल में उनके लिए मात्र 69 आवास ही बन सके हैं. इस तरह योजना की प्रगति मात्र 0.62 फीसदी ही...
More »बंगाल में लोकतंत्र का मखौल-- प्रसेनजीत बोस
पश्चिम बंगाल का मौजूदा पंचायत चुनाव पूरी तरह से लोकतंत्र के साथ घटिया मजाक है. फिलहाल राज्य में पंचायत के पदों की संख्या करीब 48 हजार है. साल 1978 से हर पांच वर्ष पर राज्य में पंचायत के चुनाव हो रहे हैं. उस समय से दो बार- 2003 में वाम मोर्चे की सरकार और 2013 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार के तहत- सबसे ज्यादा निर्विरोध उम्मीदवार चुने गये थे....
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