खेती-किसानी के मोर्चे से एक बुरी खबर आयी है. नयी कृषि जनगणना के आंकड़ों का संकेत है देश में कृषि जोतों का औसत आकार लगातार कम हो रहा है.(आंकड़ों के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) साल 2010-11 में कृषि जोतों का आकार 1.15 हेक्टेयर(राष्ट्रीय औसत) था जो पांच साल बाद 2015-16 में घटकर 1.08 हेक्टेयर हो गया है. कृषि-जोतों के आकार में कमी लागत और व्यावहारिकता के तकाजे से चिन्ता...
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सियासी दलों पर किसानों का कर्ज-- गोपालकृष्ण गांधी
मेरा यह कहना उन्हें पसंद नहीं आएगा। सच यह है कि मैं कहने की कोशिश भी करूंगा, तो वह जबरन इनकार कर देंगे। फिर भी, यदि मुझे कहने का मौका मिलेगा, तो वह मुझे टोकेंगे और कहने से रोक देंगे। लेकिन मुझे तो अपनी बात कहनी ही है। पालागुम्मि साईनाथ ने वह कर दिखाया, जो कोई दूसरा नहीं कर सका। किसी ने ऐसा करने की अभी तक कोशिश भी नहीं की...
More »प्राथमिकता नहीं है पर्यावरण-- ज्ञानेन्द्र रावत
पर्यावरण क्षरण का प्रश्न आज समूचे विश्व के लिए गंभीर चिंता का विषय है. कई रिपोर्टों, वैज्ञानिक अध्ययनों और शोधों ने रेखांकित किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उपजे खराब मौसम से प्रलयंकारी घटनाएं बढ़ेंगी. तेजी से बढ़ते तापमान के चलते गर्मी में लोगों की मौत का सिलसिला बढ़ेगा. ग्लेशियरों का पिघलना तेज होगा, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ेगा. ऐसे में बाढ़ की विभीषिका का सामना करना आसान नहीं...
More »मलेरिया के मामलों में आयी कमी, लेकिन बड़ी चुनौतियां बरकरार
पूर्व एशिया सम्मेलन 2015 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2030 तक भारत मलेरिया उन्मूलन के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है. इसी संकल्प के साथ बीते वर्ष मलेरिया मुक्ति के लिए व्यापक राष्ट्रीय सामरिक योजना शुरू की गयी. सार्वजनिक स्वास्थ्य की तमाम चुनौतियों बावजूद इस दिशा में किये जा रहे प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं. हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी विश्व मलेरिया रिपोर्ट-2018 के अनुसार, भारत...
More »जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा-- विक्रम सिंह
जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल यानी आईपीसीसी ने पिछले दिनों दक्षिण कोरिया के इंचियोन शहर में एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दूरगामी प्रभाव से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आपात स्तर पर तत्काल प्रयास करना चाहिए। पैनल का मानना है कि अगर मौजूदा दर से ग्लोबल वार्मिंग यानी वैश्विक तापमान बढ़ता रहा, तो साल 2030 से 2052 के बीच तापमान-वृद्धि 1.5...
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