नयी दिल्ली : जर्मनी के एक होटल में सीख लेने के बाद देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार रतन नवल टाटा ने भले ही यहां के लोगों को खाना न बर्बाद करने की नसीहत दी हो, लेकिन आज भी इस देश में हर साल करीब 244 करोड़ रुपये की लागत के बराबर खाना बर्बाद हो रहा है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि इसी देश में रोजाना करीब 19...
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अर्थव्यवस्था की गतिकी-- संदीप मानुधने
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के वर्षभर के पहले अग्रिम आकलन के मुताबिक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर का आंकड़ा अनुमान से काफी कम आया है. सीएसओ का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी 6.5 फीसदी के दर से बढ़ेगी, जबकि रिजर्व बैंक का आकलन 6.7 फीसदी का था. यह अन्य अनुमानों से भी कम ही है. अपने-आप में जीडीपी की वृद्धि दर शायद बहुत अधिक...
More »सरकारी बेरुखी से बदहाल किसान--- संजीव पांडेय
इस साल आलू की अच्छी फसल के बावजूद किसान बहुत परेशान हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक के किसान दस पैसे प्रति किलो आलू बेचने के लिए मजबूर हैं। हाल ही में पंजाब में किसानों ने जानवरों को ही आलू खिलाना शुरू कर दिया था। उधर उत्तर प्रदेश में सरकार ने इस बार आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया था। इसके बावजूद आगरा और मथुरा के इलाके में...
More »किसानों के साथ 6 माह बिताए, अब खेती को ही करियर बनाएंगे 70 विद्यार्थी
जबलपुर। खेतों में खाद, पानी, जुताई, बुआई और कीटनाशक के छिड़काव के काम में 70 विद्यार्थी ऐसे रमे कि अब उन्होंने खेती में ही करियर बनाने का मन बना लिया है। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि ने 385 छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के बाद खेतों में काम करने भेजा तो उन्होंने न सिर्फ परंपरागत खेती सीखी बल्कि किसानों को ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, मिट्टी परीक्षण, प्रसंस्करण के उन्नात तरीके भी बताए। छात्राओं...
More »कृषि संकट के बीच उम्मीद की नई कोपलें - देविंदर शर्मा
नए वर्ष की तरफ बढ़ते हुए कुछ ऐसे कदमों से शुरुआत करते हैं, जो कृषि के क्षेत्र में छोटी ही सही, लेकिन उम्मीद बंध्ााते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह किसानों को मुफ्त में कृषि आदान जैसे बीज और फर्टिलाइजर वगैरह देगी ताकि लागत कम हो सके। मध्य प्रदेश में भावांतर योजना आरंभ हुई ताकि किसानों को समर्थन मूल्य व उनके विक्रय मूल्य के अंतर...
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