नई दिल्ली। मार्च की बेमौसम बरसात और ओलों ने देश के उत्तरी, मध्य और पश्चिमी क्षेत्र में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में 50 लाख हेक्टेयर भूमि में खड़ी फसल बर्बाद हुई है। करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान निदेशालय के मुताबिक देश भर में गेहूं की करीब 20 प्रतिशत फसल को नुकसान...
More »SEARCH RESULT
दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
More »सालभर मिलने वाले भुट्टों के लिए प्रसिद्ध हुआ छत्तीसगढ़ का गांव
अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ में कटनी-गुमला नेशनल हाइवे क्रमांक 43 पर स्थित सरगुजा जिले का सिलसिला गांव को यहां के मेहनतकश किसानों ने वर्ष भर स्वादिष्ट भुट्टे के लिए प्रसिद्घ कर दिया है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले हर वाहन का पहिया सिलसिला में थम जाता हैं हर कोई यहां के किसानों की मेहनत से पैदा किए गए भुट्टे का स्वाद लेने लालायित रहता है। हर रोज इस छोटे से...
More »सरगुजा में फिर धान के बम्पर उत्पादन की उम्मीद
अंबिकापुर(निप्र)। राज्य सरकार द्वारा प्रति एकड़ 10 क्विंटल ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदे जाने का निर्णय इस बार सरगुजा के किसानों पर भारी पड़ने वाला है। विपरीत मौसम के बावजूद सरगुजा में धान की फसल लहलहा रही है और अगेती किस्म के धान पक चुके हैं जिनकी कटाई भी शुरू हो गई है। ऐसी स्थिति में यदि सरगुजा में हर बार की तरह किसानों ने रिकार्ड तोड़ धान उत्पादन किया...
More »मॉडल जितना सरल, उतना ही कठिन खरीदी !
बिलासपुर (निप्र)। जिला सहकारी बैंक की ओर से राज्योत्सव में धान खरीदी की प्रक्रिया को मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया था। इसमें मॉडल से धान खरीदी को जितना सरल बताया गया, वास्तविक में खरीदी की प्रक्रिया इससे कहीं ज्यादा कठिन है। प्रशासन 12 साल में भी समितियों की दशा सुधारने में नाकाम रही है। इसके चलते किसानों को इन समितियों में धान बेचने के लिए हर साल जूझना...
More »