-आउटलुक, पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले सात महीनों में चीनी के उत्पादन में 19.80 फीसदी की कमी आकर कुल 258.01 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 321.71 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं, हालांकि पिछले दो महीनों में विश्व बाजार...
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कोरोना लॉकडाउन: राहत शिविरों में रहने के बजाय पैदल ही निकले मज़दूर
-बीबीसी, छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के महीने भर बाद अब दूसरे राज्यों के मज़दूरों को राहत शिविरों में रखे जाने के बजाय उन्हें पैदल उनके घरों की ओर रवाना किया जा रहा है. हर दिन बड़ी संख्या में मज़दूर ओडिशा और महाराष्ट्र की सीमा से छत्तीसगढ़ में दाख़िल हो रहे हैं और पैदल ही अपने राज्यों के लिये रवाना हो रहे हैं. राहत शिविरों में रहने वाले मज़दूर भी अब अपने राज्यों की...
More »लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू, मगर अभी भी मुश्किलें तमाम
-गांव कनेक्शन, लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू हो चुका है। सरकार ने ऐसे संकट के समय में ग्रामीण भारत के मजदूरों को 20 अप्रैल से मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है, मगर एक हफ्ते बाद भी बड़ी संख्या में मजदूर काम मिलने की आस लगाये बैठे हैं। "कुछ जगह काम चल रहा है, मगर हमारे यहाँ अभी भी काम शुरू नहीं...
More »भय, आशंका और अफवाहों ने मिलकर रचा पालघर का हत्याकांड
-न्यूजलॉन्ड्री, "रात के 10:30 बजे थे. अचानक एक काले कपड़े पहने हुए, ऊंची कद-काठी के आदमी ने दरवाजा खोला, उसने अपना मुंह कपड़े से ढंक रखा था. वो तेज़ी से मेरी तरफ बढ़ा पर जब मैं चिल्लाई तो वो भाग गया." ये 34 वर्षीय रेणुका देशक का 12 अप्रैल की रात का विवरण है. रेणुका महाराष्ट्र में पालघर की दहानु तहसील के निकने गांव की निवासी हैं. वो कहती हैं कि मैं...
More »फेक न्यूज़, कोरोना महामारी, मुसलमान और सूचना की राजनीति
-न्यूजलॉन्ड्री, सरकार और फेक न्यूज़ यह बड़ा विरोधाभासी लगता है कि हम कोरोना महामारी का इलाज बड़ी गंभीरता से खोज रहे हैं. जिसका इलाज भरसक कोशिशों के बावजूद अब तक संभव नहीं हुआ है. लेकिन ‘फेक न्यूज़’ से उत्पन्न हो रहे निरंतर खतरों को खतरा या बीमारी मानने को तैयार नही हैं, जबकि इसका इलाज हमारे नियंत्रण में है. इसमें एक तर्क हो सकता है कि अभी हमारी सरकार को ‘फेक न्यूज़’ से...
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