जो छात्र या छात्रा अपने विषय का उच्चारण भी ठीक से न कर पाए, फिर भी वह बिहार बोर्ड में टॉप कर जाए तो यह शिक्षा में भ्रष्टाचार को संस्थागत दर्जा दिलाने, सिस्टम की असफलता और गवर्नेंस में पैदा हुई सड़ांध की ओर इंगित करता है। इस टॉपर घोटाले में अगर किसी स्कूल के मालिक बच्चा राय के साथ बिहार बोर्ड का अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह भी आकंठ डूबा हो, तो...
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यह कैसी शिक्षा व्यवस्था?-- अनुपम त्रिवेदी
पिछले दिनों जब एक न्यूज चैनल ने बिहार-बोर्ड के टाॅपर्स का साक्षात्कार किया, तो न केवल उन टाॅपर्स की, बल्कि पूरी शिक्षा-व्यवस्था की पोल-पट्टी खुल गयी. समाचार पत्रों से लेकर सोशल मीडिया तक बिहार के शिक्षा-तंत्र की बखिया उधेड़ दी गयी. राजनीतिक दलों ने भी इस मौके को खूब भुनाया. लेकिन, सब यह भूल गये कि बिहार का यह नंगा सच केवल बिहार का ही नहीं, बल्कि लगभग पूरे देश...
More »जेएनयू-डीयू कुलपतियों को जगदलपुर एसपी की चिट्ठी
रायपुर (ब्यूरो)। जेएनयू व डीयू के कुलपतियों को जगदलपुर एसपी राजेंद्र नारायण दास ने पत्र लिखकर प्रोफेसर नंदिनी सुंदर व अर्चना प्रसाद के खिलाफ चल रही पुलिस जांच की जानकारी दी है। एसपी का यह पत्र सोशल मीडिया में रविवार सुबह से वायरल हो रहा है। इसके बाद जेएनयू और डीयू के प्रोफेसरों ने एसपी के अधिकार पर भी सवाल उठा दिए और कहा कि उन्हें इसका अधिकार नहीं, ये...
More »सरकार ....! आखिर ये बौद्घिक नसबंदी क्यों ?-- आनंद पांडे
क्या अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर अब एक नई बहस का वक्त आ गया है? अभिव्यक्ति की आजादी कितनी हो और उसे किस तरह सार्वजनिक किया जाए...क्या इसको लेकर भी नए मापदंड बनाए जाने चाहिए? क्या अब बहस-विमर्श और समीक्षा इस बात को लेकर होनी चाहिए कि आजादी के इतने सालों बाद भी हमें समाज के एक बड़े बुद्घिजीवी वर्ग को सिर्फ इसलिए सामाजिक बहसों से दूर रखना चाहिए...क्योंकि वो...
More »न्यायपालिका को तो बख्श दें: एन के सिंह
फ्रांस के समाजशास्त्री अलेक्सी डे टॉक्विले और ब्रिटेन के राजनीतिक दार्शनिक जॉन स्टुअर्ट मिल, दोनों ने 25 साल के अंतराल में लोकतंत्र के दो नए खतरों के प्रति आगाह किया था। पहले का मानना था कि इसमें बहुमत के आतंक के शिकार व्यक्ति के पास बचने का कोई चारा नहीं होता। दूसरे ने इस भय की ओर इंगित किया था कि प्रजातंत्र मात्र एक शासन पद्धति न होकर असंगठित भीड़ की...
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