सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...
More »SEARCH RESULT
'दुनिया से भुखमरी मिटाने के लिए प्रतिव्यक्ति सालाना 160 डॉलर की जरुरत'
नयी दिल्ली : दुनिया से भुखमरी मिटाने के लिए प्रतिव्यक्ति सलाना 160 डॉलर, करीब 10,000 रुपये की जरुरत होगी. संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था की ओर से कहा गया है कि 2030 तक दुनिया से भुखमरी मिटाने के लिए अत्यधिक गरीबी में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति को इससे उबारने के लिये सालाना 160 डॉलर की आवश्यकता है. खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा, वर्ष 2030 तक विश्व से स्थायी तौर...
More »शहरों में बढ़ेगा बढ़ती आबादी का बोझ- ज्ञानेन्द्र रावत
दुनिया की आबादी सात अरब को पार कर चुकी है। इसमें हर साल आठ से नौ करोड़ की वृद्धि चिंतनीय है। संयुक्त राष्ट्र की मानें, तो भविष्य में भारत को मिलाकर कुछ बड़े अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देश वैश्विक आबादी तेजी से बढ़ाएंगे। भारत सबसे बड़ी आबादी वाला दुनिया का दूसरा देश है। आने वाले 10-12 वर्षों में भारत चीन से आगे निकल जाएगा। आशंका है, 2060 में भारत की...
More »शहरी वन कार्यक्रम शुरू करेगी केंद्र सरकार: प्रकाश जावड़ेकर
मुंबई। केंद्र सरकार ने "शहरी वन" कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत शहर के उन इलाकों में पेड़ लगाए जाएंगे जो वन भूमि के रूप में चिन्हित तो हैं, लेकिन वहां पेड़ों की छांव नहीं है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में करीब 200 शहर हैं जहां नगरनिगम है और वहां वन भूमि के लिए क्षेत्र चिन्हित है। हमने...
More »जनगणना जारी : 4 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर करते हैं गुजारा
नयी दिल्ली : 4.08 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर अपना घर चला रहे हैं. इस बात का पता चला कि सरकार की ओर से बाज जारी जनगणना रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. देश के सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं जबकि वेतनभोगी ग्रामीण परिवारों की संख्या 10 प्रतिशत है. यह बात आज पिछले आठ दशक में पहली बार जारी सामाजिक आर्थिक...
More »