भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
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जजों की नियुक्ति : अपने-अपने तर्क
कॉलेजियम सिस्टम पर चल रही बहस के दो छोर हैं। एक का दावा है कि हमारे देश के सर्वशक्तिमान न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार कुछ न्यायाधीशों के पास केवल इसलिए रहना चाहिए, क्योंकि वे न्यायपालिका परिवार का हिस्सा होने के कारण उनके बारे में बेहतर समझ रखते हैं। दूसरा छोर कहता है कि उसमें आम जनता के नुमाइंदों की भी भागीदारी होनी चाहिए, क्योंकि न्यायाधीश केवल न्यायपालिका के...
More »कमीशन के लिए बिना जरूरत खरीदे करोड़ों के पाइप
हरीश दिवेकर, भोपाल। सूखा प्रभावित किसानों को राहत राशि देने राज्य सरकार ने एक ओर विभाग के बजट में कटौती कर गैर जरूरी खर्चों पर रोक लगाई है, वहीं पीएचई विभाग के अफसरों ने कमीशन के फेर में बगैर जरूरत के करीब 100 करोड़ की पाइप खरीदी कर ली है। विभाग के दूसरे बजट से इसका भुगतान भी करवा दिया गया। अब मैदानी अधिकारियों को रोजमर्रा के खर्चों के लिए...
More »सवा 13 सौ पंचायतों में मनरेगा की फूटी कौड़ी खर्च नहीं
भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ की एक हजार 327 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में न तो कोई कार्य मंजूर नहीं किया गया है और न ही कोई राशि खर्च की गई है। जबकि राज्य की 150 तहसीलों में से 117 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। इसके बावजूद राज्य की दस हजार 971 ग्राम पंचायतों में से एक...
More »सूखे से बेहाल बुंदेलखंड- भारत डोगरा
उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, ओडिशा हो या आंध्र प्रदेश-देश के एक बड़े भाग को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे क्षेत्रों में रोजगार कार्यों के अभाव में लोगों का दुख-दर्द बढ़ रहा है। बांदा जिले में नरैनी प्रखंड के घसराऊट गांव के लोगों ने बताया कि खरीफ की फसल तबाह हो गई, फिर सूखे के कारण रबी की बुआई कम हुई। इसके बावजूद...
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