पटना: हमने बच्चों को शिक्षा का अधिकार भले ही दे दिया है, लेकिन उनकी शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं कर पाये हैं. सरकारी स्कूलों के बच्चों में सामान्य गणित की समझ और अक्षर ज्ञान में साल-दर-साल गिरावट आ रही है. यह खुलासा असर की नौवीं वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है. इसे नयी दिल्ली में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने बुधवार को इसे जारी किया. घटाव व भाग भी नहीं दे सकते...
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बिहार : इलाज बना धंधा, बीमारी की आड़ में लाखों की कमाई
इलाज अब धंधा बन गया है. और इस धंधे को चलाने का सबसे बेहतर जरिया नर्सिग होम. लिहाजा, धड़ाधड़ खुल रहे नर्सिग होम का मकसद बेहतर मेडिकल सुविधा देना नहीं, बल्कि धन अजिर्त करना रह गया है. पैसा बनाने की भूख ने इस पेशे को विकृति की हद तक पहुंचा दिया है. सांसत में पड़ी मरीज की जान की कीमत ऐसे नर्सिग होम में खूब वसूल की जाती है. बाजार...
More »शहरी इलाकों में आर्थिक असमानता बनी चुनौती- जयंतीलाल भंडारी
देश के शहरों में अमीरी और गरीबी के बीच असमानता के उच्चतम स्तर ने इन दिनों एक बड़ी बहस का रूप ले लिया है। योजना आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011-12 में शहरी क्षेत्रों में अमीरों और गरीबों के बीच में आर्थिक असमानता अब तक के सर्वोच्च स्तर पर रहा। खासतौर से देश के 10 राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और असम...
More »हमारी विकास नीति में उनकी जगह- सुनील
कुछ साल पहले की बात है। दिल्ली जाने पर मैं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के एक प्राध्यापक से मिलने गया था। चर्चा के दौरान मैंने कहा कि पांचवें-छठे वेतन आयोग ने प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों-प्रोफेसरों के वेतन बहुत बढ़ाए हैं, जिससे समाज में गैरबराबरी और उपभोक्ता संस्कृति को बढ़ावा मिला है। उन्होंने तुरंत उसका बचाव करते हुए कहा कि वेतन बढ़ाना जरूरी है, नहीं तो विश्वविद्यालय में...
More »बढ़ते कर्ज के कारण किसान ने की आत्महत्या
मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर के अत्रोहन गांव में ऋण के बोझ से दबे एक किसान ने अपने घर में खुद को गोली मारकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार संजय त्यागी (48) ने कल यह कदम बढते बैंक ऋण और उसे चुकाने के लिये बैंक अधिकारियों के बढ़ते दबाव से उपजे अवसाद के चलते उठाया. त्यागी का शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है. भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक...
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