यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...
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छोटी-सी गुड़िया की लंबी कहानी : हर्ष मंदर
हॉलैंड का एक गांव। गिरजे की खिड़कियों से छनकर आ रही दोपहर की नर्म धूप में हम प्रेम के एक चमत्कार के साक्षी हुए। इस कहानी की शुरुआत 24 साल पहले कराची के एक यतीमखाने से होती है। एक परित्यक्त बच्ची सड़क पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी, जिसे यतीमखाने के कर्मचारी अपने यहां ले आए थे। यतीमखाने को एक समृद्ध और दयालु डच महिला संचालित करती थी। उन्होंने...
More »मुख्यमंत्री के वादे के बाद भी जमीन के लिए तरस रहे किसान
भोपाल। करीब एक साल पहले राजधानी में उजागर हुए 1600 एकड़ जमीन घोटाले में अब तक न तो दोषियों के खिलाफ एफआईआर हुई है और न ही रजिस्ट्री निरस्त करने की कोई कार्रवाई। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद 169 किसानों में से किसी को भी जमीन वापस नहीं मिल सकी है। पिछले साल 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमि विकास बैंक द्वारा भोपाल जिले के किसानों की जमीन औने-पौने...
More »सरकार ने दिया ऐसा आदेश कि सभी निजी विद्यालय हो गए बंद
पटना. सरकार द्वारा निजी विद्यालयों का पंजीकरण अनिवार्य कराने के आदेश के विरोध में बुधवार को पटना सहित राज्य के सभी निजी विद्यालय बंद हैं। कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ऑफ बिहार के आह्वान पर राज्य के करीब 25,000 निजी विद्यालयों में ताले लटके हुए हैं। संघ के संयोजक डी.के. सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार का यह कदम उचित नहीं है, इससे देश को साक्षर बनाने में बड़ी...
More »स्विस बैंकों के प्रति भारतीय रुख- हरिवंश(प्रभात खबर)
आज अगर विदेशों में रखे भारतीय धन पर कोई बात हो रही है, तो इसका श्रेय पूरी तरह अन्ना और बाबा रामदेव के आंदोलनों को ही है. दो वर्ष पहले जर्मनी के एक द्वीप में भारत के धन रखे जाने की खबर जर्मन सरकार ने भारत सरकार को दी, पर खूब हो-हल्ला के बाद भी कुछ नहीं हुआ. देश का धन अगर बाहर रहता है और देश के लोग गरीबी...
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