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सूखे का असर, पांच महीने पहले आ गया पतझड़!

हरिओम गौड़, श्योपुर। इस साल श्योेपुर जिले में बारिश बेहद कम हुई है, इसीलिए जिला प्रशासन ने श्योपुर को जल अभाव ग्रस्त और प्रदेश सरकार ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि कई गांवों में कोसों दूर तक पीने का पानी नहीं इसलिए, ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं। बिना पानी के गांवों की जनता ही नहीं पेड़ों के पत्ते भी पलायन करने...

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बंगाल- पंचायत चुनाव से पहले हर परिवार को तोहफे में मिलेगी गाय

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले सरकार ने उन ग्रामीण इलाकों में हर परिवार को एक गाय देने का ऐलान किया है जहां अगले साल चुनाव होने हैं। मामले में पशु संसाधन विकास मंत्री स्वापन देबनाथ ने कहा, ‘सरकार की इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को आत्म निर्भर बनने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही राज्य में दुग्ध उत्पादन में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होगी।' देबनाथ ने...

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नक्सली दहशत : गांव है पर रह नहीं सकते, खेत है पर बो नहीं सकते

राजेश शुक्ला, कांकेर। गांव है, पर रह नहीं पाते। खेत है, पर जोताई नहीं कर पाते। रिश्तेदार हैं, पर उनके साथ रहकर दुख-सुख नहीं बांट पाते। यह हाल है अनिल, चंद्रूराम, रामप्रसाद, बंसीलाल जैसे सैकड़ों किसानों का, जो नक्सली दहशत के चलते अपना गांव, घर-द्वार छोड़कर कई साल से दूसरे गांव में बसे हुए हैं। इनका इससे भी बड़ा दर्द यह है कि आज जब छत्तीसगढ़ सरकार धान बोनस बांट रही...

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आधार पर अदालत की सुनें-- रीतिका खेड़ा

यदि आप आत्मविश्वास के साथ कह सकते हैं कि आधार से आपकी जिंदगी आसान हुई है, और ऐसी सरकारी सुविधाएं प्राप्त हुई हैं, जिनसे आप पहले वंचित थे, तो आप किसी ‘लुप्तप्राय प्रजाति' से कम नहीं, क्योंकि आज कल हर तरफ, आधार-त्रस्त लोग ही मिलेंगे। शायद आपको रोज फोन पर संदेश आ रहे होंगे-बैंक से और मोबाइल से आधार लिंक कीजिए। उससे पहले, आयकर भरते समय लोगों को काफी परेशानी...

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शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश

राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...

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