इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...
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भारत में जननी मृत्यु की संख्या बहुत ज्यादा- यूनिसेफ रिपोर्ट
गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के काऱण विश्व में सालाना जितनी महिलाओं की मृत्यु होती है उसमें दो तिहाई महिलाओं सिर्फ दस राष्ट्रों की हैं।केवल भारत और नाइजर को ही एक साथ मिलाकर देखें तो यहां गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के कारण मरने वाली महिलाओं की संख्या विश्व-संख्या की एक तिहाई है।।यूनिसेफ द्वार हाल ही में जारी स्टेट ऑव वर्ल्डस् चिल्ड्रेन 2009 नामक एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक...
More »सरकार ने खोला खजाना
पटना। राज्य सरकार ने प्रदेश के गैर सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों तथा अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों के कर्मचारियों के वेतन के लिए करीब साढ़े सोलह करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति भुगतान के लिए आकस्मिकता निधि से 5.22 करोड़ अग्रिम लेकर खर्च की स्वीकृति दी गयी है। मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी।...
More »भोजन का अधिकार
खास बात · खाद्य सुरक्षा विधेयक में कहा गया है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र के 75 फीसदी और शहरी क्षेत्र के 50 फीसदी लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस आबादी का वर्गीकरण दो कोटिय़ों- प्राथमिक(priority) और सामान्य(general)- के रुप में किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से 46 फीसदी लोगों को प्राथमिक वर्ग में रखा जाएगा जबकि शहरी क्षेत्र से 28 फीसदी लोगों को। बाकी जन दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य वर्ग में माने जायेंगे। विधेयक के...
More »आँकड़ों में गांव
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अपने 77वें दौर के सर्वेक्षण के आधार पर 10 सितंबर, 2020 को 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019' नामक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट 1 जनवरी, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 के बीच किए गए एनएसओ के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित है. इस अवधि के दौरान एनएसओ द्वारा 45000 से अधिक कृषि परिवारों का...
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