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होती रही शादी, सिसकता रहा बचपन

औरंगाबाद। कल तक दोनों साथ खेलते थे। वर्तमान और भविष्य की चिंता किए बगैर दोनों अपने बचपन में मस्त थे। उनको तो यह भी नहीं पता था कि बड़े होने पर करेंगे क्या? ऐसे में उनकी शादी भी कर दी गई। हम बात कर रहे हैं 7 वर्षीय बच्ची फोटईयां की। जिसकी शादी उसे बोझ समझकर उसके ही हमउम्र दरोगा से कर दी गई। हैरत की बात है शादी थाने के पास ही...

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अब हर नन्हा-मुन्ना थामेगा किताब

बच्चों का बचपन किसी भी कीमत पर न छिने इसके लिए सरकार अब नन्हे-मुन्ने हाथों में किताबें और कलम देखना चाहती है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर एक अभियान शुरू किया जा रहा है। प्रदेश स्तर पर चलने वाले इस अभियान के तहत 28 मई से 12 जून तक हर ढाबा, दुकान तथा उद्योगों की जांच की जाएगी। यदि किसी भी जगह बाल श्रमिक काम करते मिलते हैं तो उद्यमी दुकानदार के खिलाफ कड़ा...

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खेती का छेड़ा ऐसा राग कि सभी हो गए बाग-बाग

भागलपुर। खेती से विमुख हो रहे किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं भागलपुर, कटघर मोहल्ले के किसान दंपती। पति-पत्‍‌नी खेती में इस कदर रमे हैं कि कृषि विभाग भी इन्हें खेती का रोल माडल मानता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि खेती में दोनों पति-पत्‍‌नी पारंगत हो चुके हैं। इसी पेशे से उनकी जिंदगी की गाड़ी तो सुखमय चल ही रही है साथ ही इन्होंने अच्छी दौलत और शोहरत भी हासिल कर ली है।...

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खाप पंचायतों का बढ़ता खौफ- सुभाष गताडे

नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...

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पढऩे की इच्छा, काम की मजबूरी

हाथ में कापी, पुस्तक, पेन, कलम की जगह बच्चों को बोझ उठाना पड़ रहा है। गरीब घर के बच्चे बचपन से ही घर खर्च में माता-पिता की मदद करने पढ़ाई छोड़कर कार्य करने मजबूर हैं। शासन ने बालश्रम कानून बनाया है जिसमें १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चे मजदूरी नहीं कर सकते, लेकिन परिवार की आर्थिक पेरशानी को देखकर पेट पालने के उद्देश्य से आज छोटे-छोटे बच्चे भी मजदूरी कर रहे हैं। गरीब...

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