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कार्टून विवाद के सबक- सुनील

जनसत्ता 30 मई, 2012: एनसीइआरटी की ग्यारहवीं कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक के जिस कार्टून पर विवाद खड़ा हुआ, बात महज उस कार्टून तक रहती तो समझ में आती। लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक झटके में सारे कार्टून हटाने की घोषणा कर दी। छह साल पहले बड़ी मेहनत से तैयार कक्षा नौ से बारह तक की राजनीति शास्त्र की सारी पाठ्यपुस्तकों को वापस लेने का एलान कर दिया। बाकी समाज...

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भोजन बर्बाद करने की इज्जत- अरुण कुमार त्रिपाठी

जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...

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गर्भावस्था है किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक किशोरियों में मौत का सबसे बड़ा कारण कम उम्र में उनका गर्भ धारण करना होता है. सेव द चिल्ड्रिन नाम की संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रसव के दौरान संक्रमण या बीमारी के चलते 10 लाख किशोरियों की मौत हो जाती है या वे किसी न किसी रूप से जख्मी हो जाती हैं. इस समस्या का सबसे बड़ा कारण गर्भनिरोधकों तक पहुँच न...

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आईआईटी का नया नियम ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए शामत

जालंधर. राज्य में कम संसाधनों के साथ अपनी शिक्षा को खींच रहे ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी शायद अब आईआईटी का हिस्सा नहीं बन सकेंगे। आईआईटी में एडमिशन के लिए केंद्र सरकार ने जो नए नियम तय किए हैं, उसके अनुसार 12वीं में बोर्ड के टॉप 20 फीसदी में आने वाले विद्यार्थी ही आईआईटी मेन्स की परीक्षा में बैठ सकेंगे। जबकि इससे पहले 12वीं में 60 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थी परीक्षा दे सकते...

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कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण

  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्‍बन्‍धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...

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