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शहरों से गांव पहुंचने वाले मजदूरों को लेकर कितना तैयार है प्रशासन?

-गांव कनेक्शन,  लॉकडाउन के बाद सडकों पर उतरे मजदूर अब अपने राज्यों और जिलों को पहुंचने लगे हैं। पहले लोगों को चिंता थी कि ये मजदूर सही तरीके से अपने घर पहुंच जाएं लेकिन अब सबको यह चिंता सता रही है कि अगर इन लोगों में कोई कोरोना से संक्रमित हुआ तो क्या होगा? आपकी इसी चिंता को देखते हुए गांव कनेक्शन ने उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों से जानकारी जुटाई...

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लॉकडाउन : जो घर पहुंचने के लिए 1274 किलोमीटर के सफर पर पैदल निकल पड़े हैं!

-सत्याग्रह, सुरेश नौटियाल (बदला हुआ नाम) दिल्ली के एक नाइट क्लब में काम करते हैं. राजधानी में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने पर बीते हफ्ते जब राज्य सरकार ने 31 मार्च तक नाइट क्लब बंद करने का आदेश दिया तो उन्होंने उत्तराखंड स्थित अपने गांव जाने की सोची. सुरेश ने दिल्ली के आईएसबीटी से बस पकड़ी और छह घंटे की यात्रा के बाद ऋषिकेश पहुंच गए. लेकिन इसी बीच उत्तराखंड सरकार ने...

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'दस हजार से अधिक नवजात मर गए, लेकिन अस्पताल प्रशासन के लिए यह सामान्य बात है'

-न्यूजलॉन्ड्री, गोरखपुर, मुजफ्फपुर और बाद में कोटा में सैकड़ों बच्चों की मौतें हुई, जो लगभग हर अखबार व चैनल की सुर्खियां बनी और कुछ दिन बाद सब कुछ सामान्य हो गया. नहीं बदला तो अस्पताल प्रशासन का रवैया. यह रवैया न तो उक्त तीनों अस्पताल में बदला है और ना ही देश के अन्य अस्पतालों में. हमनें जनवरी व फरवरी माह के दौरान देश के 10 राज्यों के 19 सरकारी अस्पतालों की...

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मिर्जापुर के किसानों ने कहा- 'हमसे जमीन ले लेते, लेकिन हमारी खड़ी फसल क्‍यों बर्बाद की'

''हम साहब से कहने गए थे कि हमारी जमीन पर फसल लगी है, 20-25 दिन और रुक जाइए ताकि हम फसल काट सकें, लेकिन साहब ने हमारी नहीं सुनी। हमें लाठ‍ियों से मारा और गेहूं की खड़ी फसल पर जेसीबी चला दी। यह तो गलत है न! अब हम क्‍या खाएंगे?'' यह शब्‍द मिर्जापुर के जाधवपुर गांव के रहने वाले 71 साल के श्रीराम बिहारी के हैं। श्रीराम बिहारी मिर्जापुर...

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अरुधंति रॉय: क्षितिज पर मदद का कोई निशान नज़र नहीं आता

प्यारे दोस्तो, साथियों, लेखको और फ़नकारो! यह जगह जहां हम आज इकठ्ठा हुए है, उस जगह से कुछ ज़्यादा फ़ासले पर नहीं है जहां चार दिन पहले एक फ़ासिस्ट भीड़ ने— जिसमें सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से भाषणों की आग भड़क रही थी, जिसको पुलिस की सक्रिय हिमायत और मदद हासिल थी, जिसे रात-दिन इलेक्ट्रॉनिक मास-मीडिया के बड़े हिस्से का सहयोग प्राप्त था, और जो पूरी तरह आश्वस्त थी कि अदालतें...

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