SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 507

सैटेलाइट से मकानों की गिनती का खर्च 1.63 करोड़, सूची पर भरोसा नहीं

रायपुर। सैटेलाइट से मकानों की गिनती (जीआईएस सर्वे) का खर्च केवल रायपुर नगर निगम क्षेत्र का ही 1.63 करोड़ रुपए पहुंच गया है। इसके बावजूद सर्वे रिपोर्ट और मकानों की संख्या की सूची पर नगर निगम भरोसा नहीं कर पा रहा है। एक तरफ गणना में गड़बड़ी बताई जा रही है तो दूसरी तरफ हजारों मकानों के छूटने की बात सामने आई है। सर्वे करने वाली एजेंसी ने एक वार्ड को...

More »

राजस्‍थान में गरीबों को 20 फीसदी कम दाम पर घर देगी सरकार

राजस्थान में आवासन मंडल के मकान 20 फीसदी सस्ते मिलेंगे। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री जन आवास योजना लागू की। सरकार का मानना है कि वर्ष 2022 तक 10.50 लाख मकानों की जरूरत पड़ेगी। योजना के तहत सरकार ने 18 लाख मकान तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 85 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनाए जाएंगे। योजना के मुताबिक सस्ते...

More »

क्लिंटन की गोद ली बच्ची को खाना भी नसीब नहीं

पटना : जब रानी एक साल की थी, तभी उसका भविष्य लिखा जा रहा था. माता-पि ता के साथ आसपास के लोग भी उसके भविष्य को लेकर निशचिंत हो चुके थे. हो भी क्यूं नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जो रानी को गोद लिया था. उन्होंने कहा था कि इस बच्ची के पढ़ाई-लिखाइ के साथ-साथ सारा खर्च बिल क्लिंटन फाउंडेशन उठायेगा. अब इस बात को चार साल होने...

More »

थकी-हारी, घबराई सेक्युलर राजनीति- योगेन्द्र यादव

सेक्युलरवाद हमारे देश का सबसे बड़ा सिद्धांत है। सेक्युलरवाद हमारे देश की राजनीति का सबसे बड़ा पाखंड भी है। सेक्युलरवाद अग्निपरीक्षा से गुजर रहा है। सेक्युलर राजनीति की दुर्दशा देखनी हो, तो बिहार आइए। यहां नैतिक, राजनीतिक, जातीय और संयोगों के चलते भाजपा की विरोधी बन गई सभी ताकतें सेक्युलरवाद की चादर ओढ़कर चुनाव लड़ रही हैं। उधर लोकसभा चुनाव जीतकर अहंकार में चूर भाजपा और उसके सहयोगी सेक्युलर भारत...

More »

टेक्नोलॉजी से सुलझती समस्याएं- प्रीतीश नंदी

आज के तकनीकी विशेषज्ञों की सबसे अच्छी बात यह है कि वे हमारी कुछ सबसे पुरानी समस्याए सुलझा रहे हैं। ऐसी समस्याएं, जो कोई कभी सुलझाना ही नहीं चाहता था, क्योंकि मुनाफा यथास्थिति में ही था, इसलिए कोई नहीं चाहता था कि ये दूर हों। हर कोई इससे पैसे कमा रहा था। फिर तकनीक के विशेषज्ञ आए और उन्होंने सारा खेल बिगाड़ दिया। आइए कुछ उदाहरण देखते हैं : टैक्सी एप...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close