जनसत्ता 8 फरवरी, 2014 : विकास के पूंजीवादी-नवउदारवादी मॉडल की कुछ खास तरह की जरूरतें होती हैं। या कहें कि यह मॉडल आर्थिक संवृद्धि के एवज में कुछ खास बलिदानों की मांग करता है। हम देखते हैं कि भारत सरीखे अधिकतर विकासशील देश इन बलिदानों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अब सवाल है कि विकास की प्रचलित अवधारणा किन बलिदानों की मांग करती है? और ये बलि के बकरे...
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कृषि-भूमि और विदेशी निवेश- के पी सिंह
जनसत्ता : शहरी विकास मंत्रालय का प्रस्ताव है कि विदेशी कंपनियों को कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति दी जाए ताकि शहरीकरण की प्रक्रिया में विदेशी निवेश हो और विकास रफ्तार पकड़ सके। मंत्रालय की दलील है कि शहरी आवास परियोजनाओं के लिए पहले से ही कृषि-भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, इसलिए विदेशी कंपनियों को भी इस उद््देश्य के लिए कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति देने में कोई हर्ज नहीं है।...
More »बिहार:चंदन ने गोबर से निकाली सीएनजी
नरकटियागंज : डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी से परेशान किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब वे गोबर से उत्पादित होनेवाला बायो सीएनजी से ट्रैक्टर व अन्य कृषि उपकरण चला सकते हैं. यह कारनामा किया है पश्चिमी चंपारण जिले के बढ़निहार गांव के एक युवा इंजीनियर ने. किसान विजय पांडेय के पुत्र चंदन पांडेय गोबर से सीएनजी का उत्पादन कर न केवल ट्रैक्टर चला रहे हैं, बल्कि...
More »त्वरित और सस्ता न्याय पाने की सुविधा
मित्रों, अदालत, मुकदमा और पुलिस को लेकर अनेक कहावतें और लोकोक्तियां प्रचलित हैं. इन सभी कहवतों और लोकोक्तियों में इन्हें तबाही और परेशानी का सबब बताया गया है, जबकि अगर पुलिस, अदालतें और मुकदमे दायर करने के जनता को अधिकार न हों, तो समाज में अराजकता अपनी पराकाष्ठा पर होगी. हम सुरक्षित नहीं रह सकते. हमारे मानवीय अधिकारों की रक्षा नहीं हो सकती. हर कोई अपनी ताकत और धन की बदौलत...
More »11 हजार वोल्ट के तारों ने ली छह बच्चों की जान- मनीष शांडिल्य
बिहार के जमुई ज़िले में बिजली के 11,000 वोल्ट के तार की चपेट में आने से छह बच्चों की मौत हो गई है जिनमें चार लड़कियां और दो लड़के शामिल हैं। यह हादसा गुरुवार दोपहर तब हुआ जब ज़िले के सोनो प्रखंड के नैयाडीह पंचायत के चंद्रा गांव के ये बच्चे अपने घरों से मक़तब जा रहे थे। सभी बच्चे मुस्लिम समुदाय से हैं। बताया जाता है कि यह बच्चे मध्यान्ह भोजन के बाद बर्तन...
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