उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार (चार अप्रैल) को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में सूबे के छोटे एवं सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया। इसके साथ ही 120 लाख टन गेहूं खरीद की जब घोषणा की तो इस फैसले का ज्यादातर लोगों ने स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी विधान सभा चुनाव से पहले किसानों की कर्जमाफी का वादा किया...
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‘माननीयों’ को बस अपनी चिंता-- आशुतोष चतुर्वेदी
सांसदों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बढ़ोत्तरी के फैसले और इसके तौर तरीके पर सवाल उठ रहे हैं. देश की सर्वोच्च अदालत ने जब इस पर सवाल उठाया, तो सांसदों को यह नागवार गुजरा और कुछेक सांसदों ने तो न्यायपालिका से दो टूक शब्दों में कहा कि वह अपनी सीमा में रहे. सांसदों की दलील थी कि अपना वेतन-पेंशन बढ़ाने का अधिकार उनके पास है और अदालतें इस विशेषाधिकार...
More »राजनीति के मैदान में काले धन का खेल-- सुधांशु रंजन
चुनाव प्रणाली और काले धन के रिश्ते इन दिनों फिर चर्चा में हैं। राजनीतिक दलों के लिए धन चंदे से आता है। लेकिन न तो चंदा देने वाला और न ही लेने वाला इसे सार्वजनिक करना चाहता है। यह गुपचुप कारोबार ही भारतीय राजनीति को कलुषित करता है। केंद्र सरकार ने राजनीतिक जगत में नकद के खेल को कम करने के लिए एक कदम उठाया है। अब जन प्रतिनिधित्व अधिनियम,...
More »रोजी-रोजगार का हाहाकार-- अनिल रघुराज
बिगाड़ना बड़ा आसान है, बनाना बहुत मुश्किल. इसी तरह रोजगार मिटाना बहुत आसान है, जबकि रोजगार बनाना बहुत मुश्किल. अगर ऐसा न होता, तो हर साल दो करोड़ नये रोजगार पैदा करने का वादा करनेवाली मोदी सरकार अपने आधे कार्यकाल तक कम-से-कम पांच करोड़ रोजगार तो पैदा ही कर चुकी होती. लेकिन, सरकार का श्रम ब्यूरो बताता है कि देश में रोजगार देनेवाले आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्रों में अप्रैल से...
More »इंफ्रा-मुखी लुभावना बजट-- प्रमोद जोशी
भारत का बजट लोक-लुभावन राजनीति, राजकोषीय अनुशासन और अर्थशास्त्रीय नियमों की रोचक चटनी होता है. इसकी बारीकियां केवल वित्त मंत्री का भाषण सुननेभर से समझ में नहीं आतीं. अलबत्ता पहली नजर में सार्वजनिक प्रतिक्रिया समझ में आ जाती है. इस लिहाज से इस बार का बजट काफी बड़े वर्ग को खुश करेगा. इसमें सामाजिक क्षेत्र का ख्याल है, ग्रामीण क्षेत्र की फिक्र है, साथ ही छोटे करदाता की परेशानियों को...
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