भाजपा एक लंबी यात्रा और उठापटक के बाद आज जहां पहुंची है, और जिस तरह की राजनीति कर रही है उसे समझे बिना हम दिल्ली के ताजा नतीजों की ठीक से व्याख्या नहीं कर पाएंगे. 1995-96 का दौर था जब भाजपा अटल-आडवाणी की हुआ करती थी. उस दौर में लालकृष्ण आडवाणी ने ऐलानिया कहा था कि आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स यानी विचारधारा वाली राजनीति की एक सीमा होती है. राजनीतिक विचारधारा पर...
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मिड डे मीलः योगीराज में जानलेवा लापरवाही
- बीबीसी हिंदी प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले भोजन यानी मिड डे मील में ख़राब भोजन मिलना, भोजन में मरे चूहे या फिर छिपकली का मिलना आम बात सी हो गई है, वहीं लापरवाही इस क़दर बढ़ती जा रही है कि खाने के बर्तन में तीन साल की बच्ची गिर गई और खाना बनाने वाले को पता ही नहीं चला. उत्तर प्रदेश में मिर्ज़ापुर ज़िले के रामपुर अतरी गांव में...
More »इस बार के बजट ने आयकर को सरल बनाया है या और जटिल कर दिया है?
-सत्याग्रह बजट की चर्चाओं में आयकर सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली चीज होती है. शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लंबे बजट भाषण के बाद भी ऐसा ही हो रहा है. लेकिन यह चर्चा उससे अलग है जो आम तौर पर आम बजट से पहले या बाद में होती है. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने आयकर को लेकर जो प्रस्ताव पेश किए वे एक तरह से चौंकाने...
More »पूरे परिवार को तोड़ देती है आत्महत्या, महिला किसानों को गुजारनी पड़ती है विपदा की जिदंगी
-डाउन टू अर्थ खेती-किसानी करने वालों की जिंदगी एक ऐसे डगर पर चल रही होती है कि जब वे फिसलते हैं तो कोई न कोई फंदा उनका गला कसने को तैयार रहता है। खेतों में काम करते हुए महिला किसानों को भी बड़ी पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 1995 से 2018 के बीच कुल 23 वर्षों में खेती-किसानी से संबधित 353,802 लोगों ने...
More »भाषा, विरासत और जीवन बचाने की जद्दोजहद में दिल्ली के गड़िया लोहार
-कारवां 2012 में किरण सिंह सांखला छोटी थीं और सरकारी अधिकारियों ने उनके परिवार को पश्चिमी दिल्ली के अस्थाई घर से बेदखल कर दिया. उनके परिवार को पहले भी कई दफा अस्थाई आवास से बेदखल किया जा चुका था लेकिन यह बेदखली खास तौर पर सांखला के लिए बहुत दुश्कर थी. वह उस वक्त दसवीं कक्षा की परीक्षा दे रही थीं. इस बेदखली में उनकी कुछ किताबें गुम हो गईं और कुछ...
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