सामाजिक कार्यकर्ता अशोक भगत अपने वैचारिक आधार से ज्यादा गांवों के विकास का आधार तैयार करने के लिए जाने जाते हैं. 1983 में उन्होंने देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक गुमला के बिशुनपुर से विकास भारती नामक संस्था बना कर ग्राम विकास के काम की शुरुआत की. आज इस संस्था की राज्य के हर जिले में उपस्थिति है. विकास भारती का 30 वां साल चल रहा है. लंबी यात्र...
More »SEARCH RESULT
विकास का शौचालय सिद्धांत- यशवंत व्यास
आत्मविकास की परंपरा में शौचालय का भारी योगदान रहा है। दिशा-मैदान की भारतीय रीति ने कई लोगों को दिमागी तौर पर परेशान किया। कहा जाता है कि गांवों में जंगल की झाड़ियों को ढूंढने और लौटते समय कुएं से दातौन चबाते हिंदुस्तानी लोग परदेसियों के लिए अजूबे थे। भूमिपुत्रों के देश में शौचालय की परंपरा का आगमन आयातित संस्कृति का प्रतीक हो सकता है, लेकिन इससे कौन इनकार करेगा कि महानगरों...
More »सामने आयी बोतल बंद पानी की चौंकाने वाली सच्चाई!
बोकारो. चास और बोकारो शहर में इन दिनों पानी का गोरखधंधा जमकर चल रहा है। चास शहर के लगभग सभी मुहल्लों में निकलने वाले खारा पानी से परेशान लोगों का झुकाव फ्रेश पानी की ओर बढ़ रहा है। इसका फायदा पानी बेचने वाले उठा रहे हैं। फ्रेश पानी के नाम पर बोरिंग का पानी बोतलों और जार में भरकर लोगों के घरों में महंगे दाम पर पहुंचा जा रहा है। यह पानी लोगों को...
More »आदिवासी युवतियों में बढ़ी स्वरोजगार की ललक- संजय सिंह
झारखंड के खांटी आदिवासी गांवों में आदिवासी महिलाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता आई है. वे ‘स्वयं सहायता समूह’ बनाकर अपने छोटे-छोटे खेतों में गेंदा के फूल और आलू इत्यादि की खेती कर जीविकोपार्जन कर रही हैं. इस कार्य में ग्राम पंचायतें प्रखंड मुख्यालयों के मार्फत उनका सहयोग कर रही हैं. राज्य में पिछले साल सम्पन्न पंचायत चुनावों के बाद झारखंड के नक्सल प्रभावित कुछ गांवों में, खासकर आदिवासी गांवों की महिलाओं...
More »क्या इनका हश्र भी निगमानंद जैसा होगा?- मनोज रावत और महिपाल कुंवर की रिपोर्ट
गंगा को बचाने के मुद्दे पर प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का आमरण अनशन निर्णायक दौर में पहुंच गया है. क्या केंद्र सरकार समय रहते जागेगी? मनोज रावत और महिपाल कुंवर की रिपोर्ट राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के तीन सदस्यों के इस्तीफे ने एक बार फिर गंगा को स्वच्छ करने की महत्वाकांक्षी कवायद पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 2008 में जब इस प्राधिकरण की स्थापना हुई थी तो लगा था कि मैली...
More »