दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा एक ऐसा जिला है, जहां से आए दिन नक्सली मुठभेड़ की खबरें सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन इस जिले की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है मलेरिया। न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैनात जवान भी मच्छर के आगे वेबस हैं। जवान भी मलेरिया से दम तोड़ रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग दावा करता है कि वह 42 लाख मच्छरदानियां बांट चुका है, लाखों रुपये एंट्री...
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छग: ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर, लेकिन सिंचाई का ही सिस्टम ध्वस्त
रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में 2003 से 2013 तक भाजपा विधायक के कार्यकाल में सड़क, पुल-पुलियों और सिंचाई के लिए बांध बनाने में सबसे ज्यादा खर्च हुआ। पिछले साढ़े चार साल से कांग्रेस के विधायक हैं, जो कि क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करते रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी विकास कार्यों को पहले की तरह गति नहीं मिल पा रही है। सड़क और पुल-पुलिया...
More »शिक्षक को मजबूर बनाती व्यवस्था-- मनीषा सिंह
हमारे समाज में शिक्षक काफी सम्मान का पात्र समझा जाता रहा है। देश की भावी पीढ़ी या भविष्य कहलाने वाले बच्चों और अंतत: समाज को शिक्षा व सही दिशा-निर्देश देने की शिक्षक की भूमिका में तो अब भी कोई बदलाव नहीं हुआ है, पर आधुनिक व्यवस्था में वह समाज के सबसे निरीह प्राणी के रूप में देखा जाने लगा है। इसका कारण सिर्फ यह नहीं है कि शिक्षक के रूप...
More »कचरे के निपटारे की चुनौती-- मोनिका शर्मा
एक हालिया अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2047 तक भारत में कूड़े का ‘उत्पादन' पांच गुना बढ़ जाएगा। इसका अर्थ है कि हमारा देश दुनिया भर में कूड़े का सबसे बड़ा उत्पादक बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह बहुत चिंताजनक है, एक ऐसे देश में, जहां कूड़ा प्रबंधन पहले से ही बहुत बड़ी समस्या है। इतना ही नहीं, हमारे यहां पारंपरिक तरल और ठोस कूड़े के अलावा...
More »पैदावार में घुलता जहर-- अभिजीत मोहन
यह राहत की बात है कि केंद्र सरकार कीटनाशकों के दुष्प्रभावों पर गंभीरता से विचार करते हुए कीटनाशक प्रबंधन विधेयक को संसद से पारित कराने की दिशा में विचार करने को तैयार है। इस विधेयक को संसद से स्वीकृति मिलना इसलिए भी जरूरी है कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए दिन कीटनाशकों के खतरनाक इस्तेमाल से किसानों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। गौर करें तो विगत...
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