प्रदीप श्रीवास्तव, नई दिल्ली। तमाम दिक्कतों, सरकारी अवरोधों को गिनाने के साथ मणिशंकर अय्यर मानते हैं कि पंचायत राज व्यवस्था ने जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्रशिक्षित लाखों लोगों की एक फौज खड़ी की है। खासकर इससे महिलाओं को आगे लाने में काफी कामयाबी मिली है। पंचायती राज के जरिए जनता देश में 38 लाख प्रतिनिधि चुनती है। इसमें 14 लाख महिलाएं होती हैं। अय्यर के मुताबिक, पिछले 20...
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जरूरी कदम नहीं उठाए तो गेहूं में बेलगाम तेजी संभव
तेजी का धरातल - अमेरिकी गेहूं पर सवाल उठने से तेजी की बड़ी लहर बड़ा मसला अमेरिका में प्रतिबंधित जीएम गेहूं की खेती का बड़ा खुलासा इसके बाद अमेरिका से जापान व अन्य देशों ने खरीद रोकी गेहूं के दाम अंतरराष्ट्रीय व घरेलू बाजार में बढऩे लगे भारतीय गेहूं की विश्व बाजार में निर्यात मांग सुधरी ऐसा ही रहा तो देश में गेहूं के दाम हो जाएंगे बेलगाम घरेलू बाजार में गेहूं के भाव ने 1600...
More »हुनरमंद कामगारों को मिलेंगे डिप्लोमा-डिग्री सर्टिफिकेट
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। सरकार ने अगले नौ सालों में देश के 50 करोड़ युवाओं को कुशल कामगार बनाने का फैसला तो कर लिया,लेकिन तीन साल बाद भी कुछ ठोस नतीजे सामने नहीं हैं। अलबत्ता भविष्य की जरूरतों व चुनौतियों के मद्देनजर स्किल्ड डेवलपमेंट के जरूरी उपायों की कोशिशें जरूर जारी हैं। उसी सिलसिले में योजना एक वर्कर्स टेक्निकल यूनीवर्सिटी खोलने की है। मकसद, युवाओं को कौशल विकास में डिप्लोमा,...
More »गुजरात मॉडल में दलित- सुभाष गाताडे
जनसत्ता 5 जून, 2013: दलितों के अधिकारों की जानकारी हासिल करने के लिए सूचनाधिकार के तहत डाले गए आवेदन पर जानकारी मिलने में कितना वक्त लगता है? यों तो नियत समय में जानकारी मिल जानी चाहिए, मगर आप गुजरात जाएं तो वहां कम से कम तीन साल का वक्त जरूर लग सकता है और वह भी तब जब आप सूचना हासिल करने के लिए राज्य के सूचना आयोग के आयुक्त...
More »जमानत के लिए नहीं थे 5000, बिताने पडे़ 19 साल जेल में
नई दिल्ली। यह भारतीय न्यायिक प्रणाली के लिए बड़ा सवाल है? एक महिला को जेल में उन्नीस साल सिर्फ इसलिये बिताने पड़े, क्योंकि उसके पास जमानत लेने के लिये 5000 रुपये नहीं थे। यह महिला पांच हजार रुपये न होने की वजह से उन्नीस साल जेल में सड़ती रही। जेल में ही उसने अपने बेटे को जन्म दिया, उसी बेटे ने 19 साल बाद पैसे जुटाकर मां की जमानत कराई। आज...
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